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विधि अधीन है — डाक्टर श्रीधर द्विवेदी ,दिल्ली

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विधि अधीन है
पाटलिपुत्र की युद्धभूमि में ,
ताल ठोकतें बहु दिग्गज हैं ,
जनता किसे चुनेगी ,
उसने क्या ठाना है ? यह किसने जाना है ? यक्ष  प्रश्न है ।
किसको देगी दंड ,
उसके पापों का प्रायश्चित ,
या सत्कर्मों का प्रतिफल ,
राजदंड सन्यास है नहीं सुनिश्चित । कहना बहुत कठिन है ।
वोट चोर का शोर ,
लूट क्रूर का खोर ,
आते सुराज का रोर,
भारत विकास का भोर । जनता किसे चुनेगी ? कठिन प्रश्न है ।
लोकतंत्र का विकट स्वयंवर ,
लालायित सब सुभट धुरंधर ,
जनता के हाथों वरमाला ,
किसके कंठ पड़ेगी माला ? यह यक्ष प्रश्न है ।
एक तरफ बोफोर्स का जिन्न है ,
उसके साथ चारा चोर का भूत है ,
दूसरी तरफ वंदे मातरम् का पूत है ,
साथ सुशासन बाबू जैसा सपूत है ।जनता किसे भायेगी ,कहना नहीं सरल है ।
मिथिला के कोयल को चुनकर ,
या आतंकी पर्याय प्रीतिकर ,
बाहुबली माफिया अग्निधर ,
कौन बनेगा उनका हितकर । सरल नहीं है इसका उत्तर ।
नालंदा दरभंगा पटना साहिब को ,
राजेन बाबू रेणु फणीश्वर के सपनों को ,
दिनकर की हुंकार और जे पी के प्रण को ,
अब बिहार स्वीकार करेगा किसके रण को । बहुत कठिन है । यक्ष प्रश्न है ।
इतनी तू तू मैं मैं कीचड़ ,
भाव भंगिमा भाषा लीचड़,
किसकी चलेगी बयार ,
किसकी गिरेगी दीवार ,
किसका होगा पर्दाफाश ,
जनता करेगी किसे पास । यह कहना बड़ा कठिन है ।
कोरी लफ्फाजी , मक्कारों का जमघट ,
वादों की भरमार , दोनो चित और पट ,
हेलीकॉप्टर , मोटर गाड़ियों से उठती धूल ,
चुनाव के बाद खेत -खलिहान में  शून्य पसरेगा । यही कड़ुवा सच है ।
किसका होगा वरण ,
होगा किसका क्षरण ,
किसे मिलेगी शरण ,
इस चुनाव में मरण । कथ्य यह सरल नहीं है ।
गंगा गंडक जल आप्लावित ,
बागमती  कोसी जल पूरित  ,
पुनपुन सोन फल्गु आह्लादित ,
अस प्रदेश के राजमुकुट से ,
होगा कौन विभूषित ? अनत श्रीभूषित या महायुति मंडित । विधि अधीन है ।
 – डाक्टर श्रीधर द्विवेदी ,दिल्ली

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