भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में डिब्रूगढ़ में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया
डिब्रूगढ़: डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन ने जनजातीय कार्य विभाग (पी) के सहयोग से आज महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और भारत के मूलनिवासी समुदायों के पूजनीय प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस 2025 मनाया।
यह कार्यक्रम सोनोवाल कचहरी सांस्कृतिक भवन, मनकोट्टा, बैठो मंदिर के पास आयोजित किया गया, जहाँ गणमान्य व्यक्ति, सामुदायिक नेता, छात्र और स्थानीय निवासी बिरसा मुंडा के असाधारण योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए, जिनका औपनिवेशिक उत्पीड़न के विरुद्ध अटूट प्रतिरोध भारत की जनजातीय विरासत की आधारशिला है।
इस अवसर पर बोलते हुए, अधिकारियों ने बिरसा मुंडा की वीरतापूर्ण विरासत पर प्रकाश डाला और असम एवं पूर्वोत्तर में जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और इतिहास के संरक्षण और संवर्धन के महत्व पर बल दिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए बलिदानों की सराहना करने के लिए प्रेरित करना था।
इस समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, श्रद्धांजलि और स्मृति गतिविधियाँ शामिल थीं, जो क्षेत्र के आदिवासी समुदायों की जीवंत पहचान और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाती थीं। उपस्थित लोगों ने देश के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को आकार देने में आदिवासी समूहों की भूमिका के लिए राष्ट्रीय मान्यता को सुदृढ़ करने में जनजातीय गौरव दिवस के महत्व को भी रेखांकित किया।
यह कार्यक्रम जिला प्रशासन और जनजातीय कार्य विभाग (पी), डिब्रूगढ़ के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था। डिब्रूगढ़ के जिला आयुक्त, आईएएस, श्री बिक्रम कैरी ने सभी उपस्थित लोगों को हार्दिक निमंत्रण दिया और समारोह को सार्थक और सफल बनाने के लिए उनकी उपस्थिति का आग्रह किया।
जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन ने आदिवासी नायकों के सम्मान और भावी पीढ़ियों के लिए स्वदेशी विरासत की रक्षा के लिए जिले की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अर्नब शर्मा
डिब्रूगढ़





















