हाइलाकांडी, 23 नवंबर: टीचर रिक्रूटमेंट के लिए टी कम्युनिटी के कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को लेकर बराक वैली में नया विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि एक निजी संगठन, जो पहले टी कम्युनिटी से जुड़े जाति प्रमाणन मामलों में बार-बार शिकायतें दर्ज कर कैंडिडेट्स को दिक्कत में डालता रहा है, अब व्हाट्सऐप के जरिए कुछ कैंडिडेट्स को गुवाहाटी स्थित अपने कार्यालय में मूल दस्तावेज़ों के साथ उपस्थित होने को कह रहा है।
इस बीच काछार, श्रीभूमि और हाइलाकांदी जिलों के कुछ व्यक्तियों द्वारा भी अपने नाम और संपर्क नंबर साझा कर कैंडिडेट्स को “मदद” करने का दावा किया जा रहा है, जिससे संदेह और गहरा गया है। कैंडिडेट्स को आशंका है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे निजी लाभ उठाने की कोशिश हो सकती है।
बराक वैली टी यूथ वेलफेयर सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी विश्वजीत कोइरी ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा,
“सरकार के अलावा किसी भी वॉलंटरी या निजी संगठन को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का अधिकार नहीं है। ऐसी गतिविधियाँ कैंडिडेट्स को भ्रमित कर सकती हैं और निजी हित साधने का रास्ता खोलती हैं।”
कोइरी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए बराक टी वर्कर्स यूनियन—जो क्षेत्र का सबसे पुराना संगठन है—ने 21 नवंबर को ही शिक्षा मंत्री तथा आदिवासी एवं चाय समुदाय कल्याण मंत्री को ईमेल भेजकर तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।
सोसाइटी ने सभी कैंडिडेट्स से सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि किसी निजी संगठन के निर्देश पर गुवाहाटी जाने का निर्णय वे अपने जोखिम पर ही लें।
सरकारी विभागों द्वारा आधिकारिक स्पष्टता का इंतजार किया जा रहा है।





















