सरस्वती शिशु निकेतन रामपुर, डोलू में सप्तशक्ति संगम मातृ सम्मेलन का हुआ भव्य आयोजन

रामपुर, डोलू, 22 नवंबर 2025 (शनिवार):
सरस्वती शिशु निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रामपुर, डोलू में सप्तशक्ति संगम के अंतर्गत मातृ सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, पुष्पांजलि और सरस्वती वंदना के साथ हुई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं दीमा हसाओ जिले की श्रीमती नितालीनी थाउसेन, सह-संपादिका, शिक्षा विकास परिषद एवं संपादिका, प्रबंधन समिति, सरस्वती विद्या मंदिर, बड़ा हाफलोंग। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं श्रीमती परमिता दास, अध्यापिका, असम विश्वविद्यालय, साथ ही राष्ट्र सेविका समिति और पर्यावरण दक्षिण असम से जुड़ी अन्य गणमान्य सदस्याएँ। सम्मेलन की अध्यक्षता श्रीमती प्रणता बर्मन ने की।
बौद्धिक सत्र एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उपस्थित थीं श्रीमती शर्मिष्ठा देव पुरकायस्थ, कार्यवाहिका, राष्ट्र सेविका समिति, पश्चिम कछार। उन्होंने “भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका” विषय पर सारगर्भित उद्बोधन दिया।
मुख्य अतिथि नितालीनी थाउसेन ने परिवार प्रबोधन विषय पर मार्गदर्शन दिया, जबकि परमिता दास ने पर्यावरण संरक्षण पर महत्वपूर्ण विचार प्रकट किए। उनके बौद्धिक सत्रों ने उपस्थित माताओं को विशेष रूप से प्रभावित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में आचार्या संपा नाथ, सुनन्दा सिंह और रुमकी दास ने सुंदर संगोष्ठी-गीत प्रस्तुत किया। मातृमंडली की सदस्याएँ — बनिता ताती, नंदिता साओ, शिप्रा कर्मकार, सोनिया कर्मकार, रिया चक्रवर्ती और रिंकी दास — ने भी अपनी सहभागिता से कार्यक्रम को सफल बनाया।
मातृभारती समूह की प्रतिनिधि श्रीमती रेनूबाला सिंह ने सम्मेलन की प्रस्तावना एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक विविधता का अनोखा संगम
विद्यालय की आचार्याएँ और छात्राओं ने क्षेत्र में निवासरत विभिन्न जनजातियों — Khasi, Dimasa, Manipuri, Tea Tribe और Bengali — की सांस्कृतिक पहचान को मनोहारी नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से मंचित किया।
विद्यार्थिनी बहनों ने महारानी लक्ष्मीबाई पर आधारित गीति-नाट्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मान समारोह
समाज की विशिष्ट माताएँ श्रीमती दिपाली चाषा और श्रीमती झरना सिंह को सम्मानित किया गया।
साथ ही विद्यालय की पूर्व छात्रा सुस्मिता सिंह को APSC परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
अभिभाविकाओं के लिए आयोजित प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता ने कार्यक्रम में विशेष उत्साह का संचार किया।
माताओं के अनुभव-साझा करने और धन्यवाद ज्ञापन का कार्य मातृभारती की संपादिका श्रीमती दिपाली शुक्लबदै ने किया।
अंत में संकल्प-पाठ एवं शांतिपाठ के साथ सभा का समापन घोषित किया गया। इसके बाद सभी ने सामूहिक सहभोज में भाग लिया।
विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन
कार्यक्रम से पूर्व विद्यालय परिसर में विलुप्तप्राय सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक गृहस्थाली वस्तुओं पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन नितालीनी थाउसेन और परमिता दास ने संयुक्त रूप से किया।
इस सम्मेलन में विद्यालय की कुल 280 माताएँ, तथा आसपास के अन्य विद्यालयों की लगभग 30 माताएँ शामिल हुईं। सप्तशक्ति संगम की पद्धति अनुसार ऐसे कुल चार मातृ सम्मेलन आयोजित किए जाने हैं, जिनमें यह पहला था।





















