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शिलचर, असम विश्वविद्यालय — वीर लचित बोरफुकन का 403वाँ जन्म दिवस श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया

असम विश्वविद्यालय में आज वीर लचित बोरफुकन के 403वें जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत उनकी प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पण से हुई। शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने असम के इस वीर सेनानी को नमन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असम विश्वविद्यालय के कुलपति ने लचित बोरफुकन के असाधारण नेतृत्व और मुगलों के खिलाफ सरायघाट के ऐतिहासिक युद्ध का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि लचित बोरफुकन ने कठिन परिस्थितियों में भी साहस और नेतृत्व का परिचय दिया और युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।कॉलेज विकास परिषद के निदेशक जयंत भट्टाचार्य ने भी अपने विचार साझा किए और लचित बोरफुकन को असम के गौरव का प्रतीक बताया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षाकर्मी संस्था के महासचिव मृत्युंजय सिंह ने किया।असम विश्वविद्यालय कर्मचारी संस्था के उपाध्यक्ष पृथ्वीराज ग्वाला ने भी अपने संबोधन में वीर लचित बोरफुकन के योगदान पर प्रकाश डाला। अंत में छात्र संसद की ओर से अध्यक्ष सांगिक चौधरी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
समारोह के दौरान वक्ताओं ने सर्वसम्मति से कहा कि लचित बोरफुकन की वीरता और उनकी राष्ट्रनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक रहेगी।






















