59 Views
ICAR KVK की हाइलाकांदी में 7-दिन की “एक्वाफ्यूजन फार्मिंग” ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी हुई, ST किसानों की सस्टेनेबल खेती की स्किल्स को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम
प्रीतम दास हाइलाकांदी २४ नवंबर:
ICAR कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) हाइलाकांदी द्वारा शुरू किया गया सात-दिन का वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम, जिसका टाइटल “एक्वाफ्यूजन फार्मिंग: आदिवासी खुशहाली के लिए एक मॉडर्न इंटीग्रेटेड सिस्टम” था, सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। १७से २३नवंबर २०२५ तक हिंदी एल.पी. स्कूल, लालचेरा में हुई इस ट्रेनिंग का मुख्य मकसद अनुसूचित जनजाति (ST) के किसानों को खेती के मॉडर्न इंटीग्रेटेड तरीकों के बारे में साइंटिफिक जानकारी और प्रैक्टिकल स्किल्स देना था। प्रोग्राम का पूरा डायरेक्शन KVK हाइलाकांदी के सीनियर साइंटिस्ट और हेड डॉ. योगी शारध्या आर. ने दिया। ट्रेनिंग में डिस्ट्रिक्ट फिशरीज़ डेवलपमेंट ऑफिसर अब्दुस सलाम ने मछली पालन के अलग-अलग प्रैक्टिकल पहलुओं पर रोशनी डाली। उन्होंने तालाब की तैयारी, चूना प्रयोग, खाद प्रबंधन, अच्छी क्वालिटी की मछली का चुनाव, पानी और मिट्टी की क्वालिटी बनाए रखने समेत हर कदम की ज़रूरतों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने फ़ायदेमंद मार्केटिंग स्ट्रेटेजी और मार्केट लिंकेज पर भी खास ज़ोर दिया। SMS (एक्वाकल्चर) अंगोम बालेश्वर सिंह ने ट्रेनिंग को कोऑर्डिनेट किया और पार्टिसिपेंट्स को अलग-अलग इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम (IFS) मॉडल, स्टॉकिंग डेंसिटी, साइंटिफिक मैनेजमेंट और मछली की हेल्थ और बीमारी कंट्रोल पर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी। आठ गांवों, यानी मुखमछेरा खसिया पुंजी नुनई F.V., बिलाईपुर F.V., कचरीताल F.V., वरनारपुर खसिया पुंजी, कलमुरा, सूरा और सतानीबॉय के कुल २९ ST किसानों (२१पुरुष और ८ महिलाएं) ने ट्रेनिंग में हिस्सा लिया। लोकल गांव के मुखिया और लालचेरा गांव पंचायत के सदस्यों की मौजूदगी ने प्रोग्राम को और खास बना दिया। KVK हाइलाकांदी के वर्कर सुमित पिरतुह और कौशिक देव ने ट्रेनिंग को ठीक से चलाने में अहम रोल निभाया। इस पहल को लाला ब्लॉक के ST समुदाय के रोज़ी-रोटी के विकास में एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट इस इलाके को एक आत्मनिर्भर और इंटीग्रेटेड खेती पर आधारित मॉडल गांव के तौर पर डेवलप करने में एक खास भूमिका निभाएगा।





















