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शिव कुमार, शिलचर, 26 नवंबर: आज शिलचर स्थित प्रेस क्लब में बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रेस क्लब के पदाधिकारी और अनेक वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे। बैठक में मई माह में हुई जिला स्तरीय चयन प्रक्रिया और उसके बाद मान्यता पत्र वितरण में हुई अनियमितताओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।पिछले मई महीने में जिला स्तरीय समिति की बैठक के बाद 98 आवेदकों में से 59 पत्रकारों के नाम मान्यता पत्र के लिए चुने गए थे। 30 नाम विभिन्न कारणों से बाहर कर दिए गए थे। बाद में एक नाम पुलिस सत्यापन में रुक जाने के बाद 58 पत्रकारों की अंतिम सूची गुवाहाटी स्थित विभागीय कार्यालय भेजी गई थी।इस समिति के अध्यक्ष काछार के उपायुक्त श्री मृदुल यादव थे। पुलिस अधीक्षक श्री नुमाल महता सदस्य थे। जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक सदस्य-सचिव थे। साथ ही वरिष्ठ पत्रकार भी समिति में शामिल थे, जिन्होंने संयुक्त रूप से नामों की सूची तैयार की थी। पत्रकारों को विश्वास था कि गुवाहाटी से जल्द ही सभी के मान्यता पत्र प्राप्त होंगे। लेकिन आज यह देखकर सभी स्तब्ध रह गए कि 58 नामों में से केवल 9 पत्रकारों को ही मान्यता पत्र मिला है और 49 नाम बिना किसी कारण बताये हटा दिए गए हैं।इस पर शिलचर प्रेस क्लब के प्रतिनिधि तत्काल जिला सूचना उपनिदेशक श्रीमती दीपा दास के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि 58 में से केवल 9 को मान्यता पत्र क्यों दिया गया, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उपायुक्त को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी और औपचारिक पत्र भी लिखा जाएगा। पत्रकारों ने कहा कि 20 से 32 वर्ष तक का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ पत्रकारों के नाम तक सूची से बाहर कर देना बेहद गंभीर मामला है। समिति द्वारा सावधानीपूर्वक बनाई गई सूची को राज्य स्तर पर बदल देना उचित नहीं। पत्रकार समाज का कहना है कि यह पहली बार है जब जिला समिति द्वारा चुने गए नामों को इतने बड़े स्तर पर खारिज कर दिया गया है। उनका आरोप है कि सूची के साथ खिलवाड़ किया गया है और कई योग्य पत्रकारों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है। शिलचर प्रेस क्लब ने राज्य सरकार और विभागीय अधिकारियों से इस पूरे प्रकरण की तत्काल जांच की मांग की है। पत्रकारों ने कहा कि शिलचर असम का सशक्त मीडिया केंद्र है और यहां की आवाज को नजरअंदाज करना उचित नहीं। समिति में पत्रकार सदस्य के रूप में वरिष्ठ पत्रकार तन्मयजीत भट्टाचार्य, शिलचर प्रेस क्लब के सचिव शंकर दे, तैमूर राजा चौधरी, विकास चक्रवर्ती, विक्रम सरकार और अनाथबंदु नंदी शामिल थे। सभी सदस्य इस फैसले से आहत हैं और 49 पत्रकारों के मान्यता पत्र शीघ्र जारी करने की मांग कर रहे हैं। अंत में शिलचर प्रेस क्लब ने स्पष्ट कहा कि इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्ष कार्रवाई आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।





















