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संविधान दिवस पर कतलीचारा में हुई अभूतपूर्व जनसभा: कांग्रेस नेता दिलबर हुसैन मुख्य अतिथि थे।

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संविधान दिवस पर कतलीचारा में हुई अभूतपूर्व जनसभा: कांग्रेस नेता दिलबर हुसैन मुख्य अतिथि थे।
हैलाकांडी से सौरजीत धर की रिपोर्ट: 26 नवंबर— संविधान दिवस के मौके पर हैलाकांडी जिले के कतलीचारा के शाहबाद बाजार में एक खास कार्यक्रम रखा गया था। कांग्रेस नेता और 2026 में हैलाकांडी विधानसभा के संभावित उम्मीदवार, दिलबर हुसैन बारुभुइयां, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। दिलबर के आने से इलाके में जश्न का माहौल बन गया और लोगों की अचानक मौजूदगी ने जनसभा को और भी जीवंत बना दिया। दिलबर हुसैन बारुभुइयां के लिए लोगों का प्यार और समर्थन साफ दिख रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे चारों ओर खुशी की बाढ़ आ गई हो, नारे, उत्साह और बधाई सुनाई दे रही हो। कांग्रेस नेता के प्रति लोगों के इस रवैये से वहां मौजूद कई लोग बहुत प्रभावित हुए। संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भी काफी लोग शामिल हुए। इस दिन उन्होंने इलाके के कुछ बुज़ुर्गों को भारत के संविधान की प्रस्तावना देकर सम्मानित किया, जो प्रोग्राम का खास आकर्षण था। बाद में, संविधान की रक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बड़ा डिस्कशन सेशन रखा गया। बुलाए गए स्पीकर्स ने मौजूदा BJP सरकार के समय में संविधान की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि कई बार संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को कमज़ोर किया गया है और डेमोक्रेटिक ढांचे को चुनौती दी गई है। उन्होंने लोगों से इस स्थिति से उबरने के लिए अलर्ट और जागरूक रहने की अपील की। स्पीकर्स ने यह भी कहा कि संविधान की गरिमा को वापस लाने और लोगों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा के लिए 2026 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सरकार को फिर से बनाया जाना चाहिए। सबसे बढ़कर, यह संविधान दिवस का इवेंट सिर्फ़ एक पब्लिक मीटिंग नहीं था, बल्कि लोगों की उम्मीदों और उम्मीदों का एक मज़बूत इज़हार था। कई लोगों का मानना है कि दिलवर हुसैन बरभुइया के लिए लोगों का भरोसा और सपोर्ट भविष्य के पॉलिटिकल समीकरण का इशारा है। इस मौके पर हैलाकांडी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी फखरुल इस्लाम बारुभुयान, वकील बुरहान उद्दीन बारुभुयान, वकील डेप्लिना पाल, जाने-माने शिक्षाविद साहब उद्दीन लस्कर ने कहा कि संविधान एक स्थिर शासन व्यवस्था देता है और नागरिकों की भागीदारी से एक मजबूत लोकतंत्र की नींव रखता है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह एक देश की उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक है और एक सामंजस्यपूर्ण और न्यायपूर्ण समाज बनाने की मुख्य ताकत है। हर वक्ता ने संविधान पर एक सार्थक भाषण दिया। इस पवित्र संविधान दिवस पर कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ खत्म हुआ।।

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