30 नवंबर, शिलचर: भाषा शहीद स्टेशन शहीद स्मरण समिति, शिलचर के द्वारा रविवार को स्थानीय गांधी भवन में एक नागरिक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में “भाषा शहीद स्टेशन, शिलचर” को गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से आधिकारिक मान्यता देने की longstanding मांग पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। साथ ही इस विषय पर विभिन्न सुझाव और महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
सभा में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि बराक घाटी के लोगों की इस जनभावनापूर्ण मांग को तुरंत मान्यता देते हुए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भाषा आंदोलन के 11 शहीदों की स्मृति को अमर रखने, तथा बंगाली समुदाय की आत्म-परिचय, सम्मान और सांस्कृतिक परिचय को बनाए रखने के उद्देश्य से ही इस नागरिक सभा का आह्वान किया गया।
समिति के सदस्यों ने बताया कि शिलचर रेलवे स्टेशन का नाम “भाषा शहीद स्टेशन” करने की मांग पहली बार 2005 में आंदोलन के रूप में शुरू हुई थी। उस समय स्टेशन परिसर में तीन भाषाओं में नामपट्ट भी स्थापित किया गया था। तब से ही बराक घाटी की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए समिति लगातार इस मांग को आगे बढ़ा रही है।
नागरिक सभा में शिलचर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर “भाषा शहीद स्टेशन” के रूप में घोषित करने और इस संबंध में तत्काल गजट अधिसूचना जारी करने की मांग को और प्रभावी ढंग से सरकार के समक्ष रखने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम के मंच पर सीमांत भट्टाचार्य, बाबुल होड़, प्रदीप दत्त रॉय, साधन पुरकायस्थ सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सभा की शुरुआत में विषय की विस्तृत रूपरेखा डॉ. राजीव कर ने प्रस्तुत की।





















