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पंकज चौहान, खेरनी, ४ दिसंबर : असम सरकार द्वारा राज्य के छह प्रमुख समुदायों जिसमें शामिल है ताई अहोम, मोरान, मटक, चुटिया, कोच-राजबंशी और आदिवासी (चाय जनजातियाँ), को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा देने के प्रस्ताव के खिलाफ आज कार्बी आंग्लोंग और पश्चिम कार्बी आंग्लोंग जिलों के सैकड़ों आदिवासी छात्र-युवाओं ने कार्बी आंगलोंग जिले के डोकमोका में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया।
कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन (केएसए), कार्बी स्टूडेंट्स एंड यूथ काउंसिल (केएसवाईसी), इंडिजिनस ट्राइबल पीपुल्स कार्बी आंग्लोंग (आईटीपीकेए), ऑल तिवा स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू), कार्बी आंग्लोंग यूथ एसोसिएशन (केएवाईए), कार्बी अनएम्प्लॉयड यूथ एसोसिएशन (केयूवाईए) सहित कई संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस जन प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने “नो – एसटी स्टेटस टू सिक्स कम्युनिटीज” लिखे बैनर-पोस्टर लिए हुए थे और राज्य सरकार के इस कदम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि असम सरकार और केंद्र सरकार मौजूदा अनुसूचित जनजातियों से परामर्श किए बिना इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाती है तो पहाड़ी जिलों सहित पूरे राज्य में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की मांग की और राज्य के सभी मान्यता प्राप्त आदिवासी संगठनों से एकजुट होकर “आदिवासी पहचान व अधिकारों को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने की कोशिश” के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।
इसी तरह का विरोध प्रदर्शन और एकजुटता कार्यक्रम दीमा हसाओ जिले के हाफलांग में भी हुआ, जिसका आयोजन ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ दीमा हसाओ ने किया।
दोनों स्थानों पर आदिवासी छात्र संगठनों ने स्पष्ट घोषणा की कि जब तक सरकार इन छह समुदायों को एसटी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव आधिकारिक रूप से रद्द नहीं कर देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।





















