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अनिल मिश्र/पटना
विश्व विख्यात लोकतांत्रिक देश भारत में रूस के राष्ट्रपति पुनीत केआगमन पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी को आमंत्रित नहीं करना भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती पर धावा है।भारत के आज तक के संसदीय इतिहास में चाहे जिनकी भी सरकार हो सभी ने नेता विरोधी दल को जरूर कोई भी महत्त्वपूर्ण विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के भारत आगमन पर उन्हें जरूर आमंत्रित किया जाता रहा है, परंतु ऐसी पहली बार देश में देखने को मिल रहा है कि एल औ पी को आमंत्रित नहीं किया गया है, जिससे देशवासियों में चर्चा का विषय है। इस बीच बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता विजय कुमार मिट्ठू , पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, टिंकू गिरी, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मुन्ना मांझी ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति के दो दिवसीय भारत दौरे पर आने पर लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांघी ने लोकसभा परिसर में पूर्व के कई प्रधानमंत्रियों का नाम गिनाते हुए कहा कि आखिर मुझे क्यों नहीं आमंत्रित किया गया है, जिससे कॉंग्रेस, सहित संपूर्ण देशवासियों अचंभित एवं हैरान हैं।इन सभी नेताओं ने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार सत्ताशीन हुई है तब से कोई भी विदेशी मेहमान से नेता प्रतिपक्ष को मिलना या नेता प्रतिपक्ष को कही भी विदेश दौरा जाने पर उस देश की सरकार को नोटिस लेने का अधिकार केंद्र सरकार को सौंपी गई , जों निर्धारित करता है की भारत आए विदेशी मेहमान से नेता विरोधी दल मिलेंगे या नहीं या उन्हे भारत से बाहर जाने पर वो देश की सरकार उनका नोटिस ले की नहीं ।इन सभी नेताओं ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुनीत के 04 एवं 05 दिसंबर के दो दिवसीय भारत यात्रा पर लोक सभा के नेता प्रतिपक्ष को साथ लेकर सरकार को देश के लिए अपनी एकजुटता दिखाते हुए मिलने से ही लोकतांत्रिक देश की खूबसूरती बढ़ेगी।





















