दुल्लभछोड़ा बड़े बाज़ार में स्थित शताब्दी-प्राचीन शिव मंदिर के पुनर्निर्माण कार्य का आज विधिवत शिलान्यास किया गया। उल्लेखनीय है कि मंदिर का वर्तमान भवन वर्ष 1970 में निर्मित हुआ था, जो अब जीर्ण-शीर्ण होने के कारण पुनर्निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई।
शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे रामकृष्ण नगर के विधायक विजय मालाकार। साथ ही मौजूद रहे दुल्लभछोड़ा जिला परिषद सदस्य प्रणव मुखर्जी, दुल्लभछोड़ा ग्राम पंचायत अध्यक्ष देव कुमार कर्मी, तथा वेटारबंद ग्राम पंचायत अध्यक्ष बिमल नाथ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी कृष्ण रंजन पाल ने की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक श्यामल घोष, व्यवसायी राजू कलवार, एवं सेवानिवृत्त शिक्षक जयदेव पाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मन्दिर के सचिव एवं शिक्षक बाबू कानू ने कार्यक्रम का संचालन किया।

मंदिर के इतिहास पर भावुक हुए वरिष्ठ नागरिक
अपने संबोधन में वरिष्ठ नागरिक श्यामल बाबू मंदिर के इतिहास को याद करते हुए भावुक हो उठे। उन्होंने बताया कि बड़े बाज़ार का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। स्वतंत्रता संग्राम के समय भी यह क्षेत्र महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। उस समय इस स्थान पर शिव उपासना तो होती थी, लेकिन मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था। सत्तर के दशक में एक भव्य मंदिर निर्माण का विचार सामने आया और कई बैठकों के बाद वर्ष 1970 में शिव मंदिर की स्थापना हुई।
उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के प्रमुख प्रेरक थे—
स्वर्गीय रुक्मिणीहरण बनिक, अजीतरंजन पाल, संतुलाल साहू, मथुराराम कानू, भगवानराम कोइरी तथा अन्य कई समाजसेवी। इनमें से अधिकांश अब हमारे बीच नहीं हैं।
मंदिर निर्माण के दौरान जब आर्थिक कठिनाइयाँ सामने आईं, तब भगवान राम कोइरी ने कहा— “मैं मंदिर बनवाऊँगा, आप लोग उसके संचालन की ज़िम्मेदारी संभालिए।” प्रेरित होकर उन्होंने मंदिर परिसर का निर्माण कर दिया।
इसके बाद बाज़ार के लोगों ने सामूहिक बैठक कर निर्णय लिया कि प्रत्येक परिवार अपनी सामर्थ्य के अनुसार मासिक चंदा देगा। पहले महीने 500 रुपये एकत्र हुए, जिसे आगे स्थायी फंड के रूप में विकसित किया गया और धीरे-धीरे यह राशि लगभग एक लाख रुपये तक पहुँच गई। इसी फंड से मंदिर के नियमित संचालन की शुरुआत हुई, जो आज भी सुचारू रूप से चल रही है।

पुनर्निर्माण में 60 लाख रुपये की आवश्यकता
विधायक विजय मालाकार ने बताया कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए असम दर्शनों के अंतर्गत उपासना-स्थल विकास परियोजना से सहायता दी जाएगी तथा आवश्यकता पड़ने पर और भी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। बाज़ारवासी भी अपनी ओर से आर्थिक सहयोग प्रदान करेंगे। अनुमान है कि पुनर्निर्माण कार्य में लगभग 60 लाख रुपये की आवश्यकता होगी।
वर्तमान मंदिर प्रबंधन समिति—अध्यक्ष शिवप्रसाद बनिक एवं सचिव बाबू कानू—ने सभी बाजारवासियों एवं श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की ताकि पुनर्निर्माण कार्य सुचारू रूप से पूरा हो सके।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कई लोगों का योगदान
शिलान्यास कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग प्रदान किया—
दिलीप तेली, जितेंद्र तेली, बड़े बाज़ार कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार साहू, ओमप्रकाश कोइरी, गोपाल वर्मा, मनोज जयसवाल, अजीत कलवार, उत्तम कलवार, गोविंद कोइरी, उत्तम मालाकार, बाबुलाल कोइरी सहित अनेक बाज़ारवासी।
बड़े बाज़ार के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी प्रताप कोइरी ने मंदिर पुनर्निर्माण का संकल्प लिया। कार्यक्रम में पूजा-अर्चना का कार्य शिक्षक ब्रजेश कुमार पांडेय द्वारा संपन्न कराया गया।
दुल्लभछोड़ा बड़े बाज़ार का यह शिव मंदिर अब अपने नए स्वरूप की ओर कदम बढ़ा चुका है—जिससे स्थानीय लोगों में उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिल रहा है।




















