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पंकज चौहान, खेरनी, ५ दिसंबर : असम विधानसभा चुनाव २०२६ में महज कुछ महीने शेष रह गए हैं, इसी बीच कार्बी आंग्लांग जिले की कांग्रेस इकाई को एक और करारा झटका लगा है। गुरुवार को पूर्वी कार्बी आंग्लांग जिले के १५० से अधिक वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं ने पार्टी से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष और वर्तमान नेतृत्व में “पूर्ण विश्वास खो देने” को खुलकर कारण बताया।
नाटकीय घटनाक्रम उस समय सामने आया जब नाराज कांग्रेसजन दीफू के कासा स्टेडियम में एकत्र हुए, नेतृत्व-विरोधी नारे लगाए और जुलूस की शक्ल में पास के जिला कांग्रेस कार्यालय तक मार्च किया। वहाँ सभी ने एक साथ अपने इस्तीफे सौंप दिए।
इस्तीफा देने वालों में जिला कमेटी, ब्लॉक कमेटी, मंडल कमेटी और प्राथमिक इकाइयों के पदाधिकारी तथा सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हैं। यानी पार्टी की जमीनी संरचना के सभी स्तरों से बड़ी संख्या में लोग बाहर निकल गए हैं।
सूत्रों के अनुसार इस्तीफा देने वाला पूरा समूह आने वाले कुछ दिनों में औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो जाएगा। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कार्बी आंग्लांग स्वायत्त परिषद क्षेत्र में यह भाजपा के लिए बड़ी बढ़त साबित होगा।
गौरतलब है कि कुछ ही हफ्ते पहले पश्चिम कार्बी आंग्लांग में भी इसी तरह का बड़ा पलायन हुआ था। दोनों हिस्सों में लगातार हो रहे ये विद्रोह कांग्रेस के भीतरी असंतोष और संगठनात्मक पतन का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले इस पहाड़ी क्षेत्र में अब पार्टी का आधार भाजपा की ओर खिसकता दिख रहा है।
गुवाहाटी स्थित कांग्रेस हाईकमान अब तक खामोश है। स्थानीय नेताओं ने बागियों को खारिज करते हुए कथित तौर पर कहा है कि “वे तो सिर्फ मुंह दिखाने आए थे।”
इन लगातार हुए पलायनों से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों में कांग्रेस को अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन झेलना पड़ सकता है।




















