अखिल भारतीय महिला कांग्रेस समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पुर्व शिलचर सांसद सुष्मिता देव ने इंदिरा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को बराकघाटी का इतिहास नहीं मालूम इसलिए असम आंदोलन को बराकघाटी का तथा असम विश्व विद्यालय का बताया जबकि असम आंदोलन बराकघाटी में हुआ ही नहीं.उनके स्थानीय नेताओं को उन्हें बताना चाहिए था. एन आर सी तथा हिंदुस्तान कागज मिल पर एक शब्द भी नहीं बोला जबकि बराकघाटी के लिए यह अहम मुद्दे थे. बराकघाटी में बनने वाले पुलों पर भी अनावश्यक भाषण दिया.
डा हिम्मत विश्व शर्मा ने ओच्छी भाषा का इस्तेमाल किया कि कांग्रेस धोती लूंगी की राजनीति करती है जो बराकघाटी के अनेक समुदायों का अपमान किया गया है. मुख्यमंत्री को असम मिजोरम सीमा पर जाकर देखना चाहिए था. लघु सचिवालय का कुछ भी काम नहीं हुआ, ना ही महासङक का, सुष्मिता देव ने भाजपा की चुनावी रैली में सरकारी जनसंयोग विभाग ने पत्रकारों को निमंत्रण भेजकर नियमों का उलंघन किया जिसकी शिकायत हम राज्य चुनाव आयोग तथा जिला उपायुक्त कछार को करेंगे.
असम प्रदेश के अध्यक्ष रंजीत दास ने सिंडिकेट को पकड़ने का आदेश दिया था लेकिन किया कुछ भी नहीं.पुर्व मंत्री अजीत सिंह ने भी कछार की कानून व्यवस्था की बिगङती स्थिति पर पुलिस विभाग की आलोचना की.कछार जिला अध्यक्ष प्रदीप कुमार दे तथा प्रवक्ता जिंनेद्र देव ने भी संबोधित किया