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रासोत्सव का प्रसाद खाकर एक मरा ,ग्यारह बीमार

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बरपेटा रोड: गत दिनों बरपेटा रोड में तीन दिवसीय रासोत्सव पालन किया गया। इस उपलक्ष्य में रविवार के दिन भक्तो में प्रसाद के रूप में भोजन वितरण किया गया। इसके खाने के बाद कथित रूप से एक व्योवृद्ध व्यक्ति की मौत हो गई और ग्यारह लोगों को हैजा से ग्रस्त पाया गया। इस खबर को मिलते ही सोशल मीडिया पर दो लोगों की मौत और कइयो की हालत गंभीर हालत में वायरल होते ही रासोत्सव समिति ने रास मंदिर के प्रांगण में आज एक सभा का आयोजन किया। इस सभा में समिति द्वारा बॉटा गया प्रसाद से लेकर मरने वाले , गंभीर हालत वाले और गलत समाचार प्रचार करने वाले सोशल मीडिया पर विचार विमर्श किया गया। सभा में समिति के सभी पदाधिकारियों ने प्रसाद खाकर मरने वाले और गंभीर हालत पर स्पष्टीकरण दिया। गलत समाचार प्रचार करने वाले सोशल मीडिया को ग़लत समाचार प्रचार करने पर जिम्मेवार ठहराते हुए दोषी ठहराया गया। जिसके कारण समाज में अप्रत्याशित परिवेश का सृष्टि हुआ। समिति ने स्पष्टि करण में कहा कि सचमुच भोजन विषैला या दुषित था तो सभी भोजन करने वालें भक्तों की हालत खराब होती सीर्फ गिने चुने ही क्यों? मालूम हो कि गत रविवार को बरपेटा रोड के रास मंदिर के प्रांगण में प्रसाद के रूप में भोजन करने के बाद अमूल्य साहा (९३)नामक व्योवृद्ध जो बरपेटा रोड के कृष्णनगर निवासी था ,उसकी मोत हो गई। उनकेे बड़े बेटे शृयामल साहा ने बताया कि उनके पिता नियमित टहलने घर से बाजार तक आते हैं और राममंदिर के प्रांगण में उनका दूकान भी है। इसी दौरान प्रसाद खाकर जब घर लौटे तो उलटी-दस्त शूरु हो गया घरवालों ने चिकित्सा सेवा भी दी। परन्तु सोमवार दोपहर तीन बजे उनकी मोत हो गई। रासोत्सव समिति ने आज सभा में मृत्तक अमूल्य साहा के पुत्र श्यामल साहा को रास मंदिर के प्रांगण में स्थित दूकान का छ: महीने का दूकान किराया न लेने का फैसला किया गया और श्राद्धकर्म के खर्चें को देने का एक मत से सभी सदस्यों ने फैसला किया। इस फैसले को श्यामल साहा भी मंजूर किया। प्रसाद खाकर बीमार होने वाले ग्यारह भक्तो में सुनिल कर्मकार, बाबलु साहा, प्रणय साहा, भानू दास, आदन आर्य, उत्तम कुमार साहा, गुरु दास, सपन दास, प्रणब साहा, रुपम साहा और नारायण साहा है। आज के इस सभा में बरपेटा रोड रासोत्सव समिति, बृहत्तर व्यवसायी संस्था,पौर सभा संस्था के सदस्य और पदाधिकारी मंटू ओझा,कृष्ण प्रसाद, विजय पाल, हिमांशु दास , जयंत दास, बिमल साहा, बुबुल देउरी और धीरजिदेउरी उपस्थित रहे। रास मंदिर के सचिव कृषण प्रसाद ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में दो-चार असमाजीक तत्त्व है जो प्रत्यक्षरुप से जिम्मेदार है, भविष्य में ऐसे लोगों के प्रति भी अनुशासनिक कठोर कदम उठाना चाहिए ‌।

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