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दुर्लभछोरा के निकट बासखाल टीला निवासी 83 वर्षीय गौरीशंकर यादव का पिछले 22 नंबर को प्रातः काल 7.40 पर देहांत हो गया। लोगों का कहना है कि उनके पिता स्वर्गीय कृष्ण प्रसाद जी ने 1948 में बराक घाटी के प्रथम हिंदी माध्यम विद्यालय की स्थापना की थी। स्वर्गीय गौरीशंकर यादव कर्मठ, मृदुभाषी, समदर्शी व्यक्तित्व थे। पिता के रूप में सफल रहे, उनका परिवार संयुक्त परिवार है। उनकी ज्येष्ठ पुत्र रामबिलास यादव विज्ञान स्नातक हैं तथा रामपुर ट्राइवल एम ई स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं। बड़ी पुत्री माया यादव हिंदी से स्नातकोत्तर है तथा आइसीडीएस में सुपरवाइजर है। छोटी पुत्री चंपा भी स्नातकोत्तर है। राजीव और बाबुल दो भ्रातष्पुत्र हैं। व्यवसाय और खेती का कार्य करते है। उनके 3 जमाता भी अपने-अपने जीवन में प्रतिष्ठित है। उनकी नातिन देवंती ग्वाला एमबीबीएस करके एमडी की तैयारी कर रही हैं। एक पौत्र राहुल एमबीबीएस कर रहे हैं। पूरा परिवार हरा-भरा और समृद्ध है। उनकी मृत्यु पर परिजनों, शुभचिंतकों और स्थानीय लोगों ने गहरा दुख प्रकट किया है तथा मृत आत्मा के शांति और मुक्ति की कामना की है।