गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से एक शर्मनाक खबर सामने आई है. यहां एक स्कूल प्रिंसिपल की बेशर्म हरकतों से परेशान होकर कई छात्राओं ने सीएम योगी को खून से पत्र लिखा. जैसे ही मामला शासन के संज्ञान में आया, वैसे ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. पुलिस ने आरोपी स्कूल प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, ये मामला गाजियाबाद के एक सरकारी सहायता प्राप्त और छठी से 10वीं तक के एक को-एजुकेशनल स्कूल का है. यहां के 51 वर्षीय प्रिंसिपल को मंगलवार को गिरफ्तार किए गया है. गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद छात्राओं ने क्लासरूम में होने वाली घटनाओं के बारे में मीडिया को बताया. बताया गया है कि पुलिस की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से लिखे एक पत्र के बाद हुई है.
बताया गया है कि पिछले हफ्ते प्रिंसिपल के साथ कई अभिभावकों की मारपीट हुई थी. कक्षा सातवीं से दसवीं तक की कई छात्राओं ने आरोप लगाया था कि स्कूल प्रिंसिपल कई वर्षों से उनका यौन उत्पीडऩ कर रहा था. घटना के बाद स्थानीय पार्षद ने भी कहा है कि प्रिंसिपल के खिलाफ उनके पास कम से कम 50 शिकायतें हैं. शिकायतकर्ताओं में शामिल एक छात्रा ने कहा कि 2021 में यहां दाखिला लेने के बाद से ही मैं ये सब देख रही हूं.
केबिन में ये करता था आरोपी प्रिंसिपल
एक छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल अक्सर उन्हें अपने केबिन में बुलाते थे और उनके कपड़ों के बारे में बात करते थे. छात्राओं ने इतना तक कहा कि वे पूछते थे, तुमने अंदर क्या पहना है? छात्रा ने बताया कि एक दिन उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुलाया और मुझसे कुछ आपत्तिजनक सवाल भी पूछे. ट्रेस ठीक करने के बहाने आरोपी प्रिंसिपल छात्रों को इधर, उधर छूता था.
बताया गया है कि छात्राओं ने अपने अभिभावकों से इस मामले की शिकायत की. शिकायत के बाद लोगों ने स्थानीय पार्षद के सामने मुद्दे को उठाया. बताया गया है कि उस दिन प्रिंसिपल ने एक छात्रा को छुट्टी के बाद रोक लिया था. जब लोग स्कूल पहुंचे तो छात्रा प्रिंसिपल के कमरे से रोती और भागती हुई बाहर आई. छात्रा ने अपने माता-पिता को बताया कि प्रिंसिपल ने उसकी शर्ट के बटन खोले और उसे छुआ.
स्थानीय पार्षद ने कहा, हमारे पास 50 शिकायतें
स्थानीय पार्षद ने टीओआई की एक रिपोर्ट में कहा है कि कई लड़कियों से व्यक्तिगत रूप से उनसे बात की. उन्हें 50 से ज्यादा लड़कियों से शिकायत पत्र मिले हैं और उन्होंने इन सभी शिकायती पत्रों को पुलिस को सौंपा है. इसके बाद प्रिंसिपल के खिलाफ छेड़छाड़ और आपराधिक धमकी का मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. इस पर सोमवार को छात्रों के एक ग्रुप ने सीएम योगी को खून से पत्र लिखकर अपनी दुर्दशा और पीड़ा के बारे बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे शिकायत दर्ज कराने गए तो एसीपी सलोनी अग्रवाल ने लड़कियों और उनके माता-पिता को डांट दिया. उन्हें चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा.
अधिकारी ने पुलिस के बचाव में ये कहा
हालांकि अब डीसीपी (ग्रामीण) विवेक यादव ने मीडिया को बताया कि प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है. एफआईआर में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) अधिनियम की धाराएं जोड़ी गई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता के आरोप झूठे हैं. किसी भी पुलिस टीम ने छात्रों के घरों का दौरा नहीं किया है या उन्हें धमकी नहीं दी है.