नई दिल्ली. देश के अंग्रेजी नाम इंडिया को बदलकर भारत करने की सुगबुगाहट को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच तकरार तेज हो गई है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी जी20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया के बजाए प्रेसीडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ है. इसे लेकर अब कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, जिस पर भाजपा के नेताओं ने भी पलटवार किया है.
मोदी सरकार के मंत्रियों और नेताओं का पक्ष
राष्ट्रपति भवन में जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण भारत के राष्ट्रपति के नाम से भेजे जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस को आरोप लगाने का अधिकार नहीं है, जिसने आजादी के बाद संविधान को तोड़ा-मरोड़ा, आपातकाल लगा दिया उनके बोलने का मतलब नहीं है. बात रही भारत की तो यह काल शताब्दी का, सांस्कृतिक उत्थान का काल है. यह भारत के संस्कार और संस्कृति के उत्थान का काल है इसीलिए भारत है.
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि इस पर आपत्ति जताने का क्या कारण है? अगर भारत के राष्ट्रपति के नाम से आमंत्रण गया है तो यह स्वागतयोग्य है. कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन के नेताओं को भारत शब्द से क्यों इतनी नफरत है?. पता नहीं कांग्रेस को भारत शब्द से नफरत और चीन और पाकिस्तान शब्द से क्यों इतनी मोहब्बत होती है? यह घोर आपत्तिजनक है.
कांग्रेस के नेताओं का पक्ष
राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के निमंत्रण पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि संविधान कहता है कि इंडिया दैट इज भारत. मैं संविधान का हवाला दे रहा हूं- इंडिया दैट इज भारत.
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि हमारे संविधान के आर्टिकल 1 में साफ तौर पर लिखा गया है कि हमारा नाम इंडिया भी होगा और भारत भी. मोदी और संघ के लोग लगातार हमारे संविधान के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं. इनको बाबा साहब के संविधान से दिक्कत है. आपकी नफरत आपका डर आपकी बौखलाहट साफ है, आप इंडिया से घबराते हैं. अब ये सनक बन चुका है, अपने देश और अपनी मां का नाम कौन बदलता है. मोदी हमसे डरते हैं हमें अपना शत्रु मानते हैं, लेकिन दुश्मनी आज आप देश से निभाने लगे. वे अच्छे से जानते हैं उनके पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है.