
यदि लोकसभा चुनाव 2024 में जनता का क्षेत्रीय दलों से मोहभंग हो गया, तो बीजेपी को कर्नाटक जैसे नतीजे ही मिलेंगे?
दरअसल, जो सियासी हालात आज नजर आ रहे हैं, यदि वैसे ही हालात बने रहते हैं, तो बगैर विपक्षी एकता के भी बीजेपी 2024 में बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी, क्योंकि दक्षिण भारत से तो बीजेपी की विदाई हो ही गई है, उत्तर भारत में भी 2019 को दोहराना इसलिए मुश्किल है कि यहां के राज्यों में अधिकतम सीट पर बीजेपी है, मतलब…. सीटें कम ही होंगी!
राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस के पास लोकसभा चुनाव में खोने के लिए कुछ नहीं है, जबकि…. बीजेपी को ऐसे राज्यों में अपनी करीब एक सौ सीटें बचाने की चुनौती है?
उधर, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में बीजेपी की सियासी बेचैनी किसी से छिपी नहीं है, इन राज्यों में भी बीजेपी को सीटों का बड़ा नुकसान होगा?
सियासी सयानों का मानना है कि- अव्वल तो 2024 में बीजेपी की सीटें पहले से बहुत कम होती नजर आ रही हैं और दूसरे किसी अन्य राज्य से इन सीटों की भरपाई होती दिख नहीं रही है, लिहाजा विपक्षी एकता हो या नहीं बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है!





















