फॉलो करें

MP: पीपुल्स ग्रुप पर ED का एक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग्रुप की 230 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रापर्टी अटैच

294 Views

भोपाल. एमपी के भोपाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED)   ने आज भोपाल के पीपुल्स ग्रुप पर बड़ी कार्यवाही की है, ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉडिं्रग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत दर्ज मामले में ग्रुप की 230.4 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है. प्रवर्तन निदेशालय ने पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च सेंटर, पीपुल्स यूनिवर्सिटी, पीपुल्स इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की जमीन, पेपर मिल, बिल्डिंग व मशीनरी को कुर्क किया है. इसके अलावा ग्रुप के होटल राजा भोज को भी अटैच किया है.

सूत्रों से मिली जानकारी कि अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ग्वालियर ने जांच के लिए तीन शिकायतें भेजी थीं. जिसमें सुरेश विजयवर्गीय (एसएन विजयवर्गीय), रामविलास विजयवर्गीय (दिवंगत) व पीपुल्स इंटरनेशनल, सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड व पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत थी. शिकायतों की जांच के बाद कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 447 के तहत केस दर्ज किया गया था. जांच रिपोर्ट के अनुसार पीपुल्स ग्रुप की तीन कंपनियों में 494 करोड़ रुपए का निवेश FDI (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) के माध्यम से हुआ था. यह फंड ग्रुप की कंपनी पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड व पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के खातों में साल 2000 से 2011 के बीच आया. जांच में यह जानकारी भी सामने आई कि ग्रुप के संचालक एसएन विजयवर्गीय ने एफडीआई के माध्यम से भारी लाभ कमाया है.

इसके अलावा जांच में यह तथ्य भी सामने आए है कि वर्ष 2000-2011 के बीच पीपुल्स ग्रुप को ब्याज व अन्य माध्यमों से भी मुनाफा हुआ था. वर्ष 2000 से 2022 तक एसएन विजयवर्गीय ने कंपनियों के जरिए 594.65 करोड़ की आय गलत तरीके से अर्जित की है. इस आय के उपयोग के लिए सार्वजनिक न्यास (SJPN नाम का ट्रस्ट) बनाया गया. जिसके ट्रस्टी स्वयं एसएन विजयवर्गीय हैं. यहां तक कि पीजी इंफ्रास्टक्चर एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति खरीद व संपत्ति निर्माण संबंधी 99 प्रतिशत शेयर एसएन विजयवर्गीय के पास हैं.

गौरतलब है कि ED ने सितम्बर माह में ग्रुप पर दबिश दी थी, इस दौरान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था. ग्वालियर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने शिकायत की थी कि पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेस प्रालि व  पीजीएच इंटरनेशनल प्रालि के निदेशको ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. इन्होंने शून्य या बहुत कम ब्याज दर पर संबंधितों को 250 करोड़ से अधिक के कर्ज बांटे जिससे शेयर होल्डर्स को भारी घाटा हुआ है. संबंधित कंपनियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया गया है.

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल