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NIT शिलचर का 23वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न, मुख्य अतिथि और वैज्ञानिकों ने दी नई पीढ़ी को दिशा; 1,211 छात्रों को मिली डिग्री

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) शिलचर का 23वाँ दीक्षांत समारोह आज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स ऑडिटोरियम में बड़े औपचारिक और उत्साहपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। समारोह सुबह 11 बजे शुरू हुआ। देश के प्रमुख वैज्ञानिक, शिक्षाविद, प्रशासनिक अधिकारी, छात्र-छात्राएँ और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शैक्षणिक जुलूस और राष्ट्रीय गीत के साथ शुरू हुआ। निदेशक प्रो. दिलीप कुमार बैद्य ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और संस्थान की उपलब्धियों, अनुसंधान कार्य, प्लेसमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की जानकारी दी।
समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. सुकांत मजुमदार थे। उन्होंने छात्रों को राष्ट्रभक्ति, शोध और नवाचार की दिशा में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा अब वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहे हैं और आने वाला समय तकनीकी कौशल वाले युवाओं का ही होगा।डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन सिस्टम्स के महानिदेशक डॉ. बिनय कुमार (विनय कुमार) दास ने सम्मानित अतिथि के रूप में अपने संबोधन से समारोह को ऊर्जा से भर दिया।
उन्होंने कहा कि NIT शिलचर उनके लिए मंदिर के समान है और इस पवित्र स्थल पर आना उनके जीवन का सौभाग्य है। उन्होंने छात्रों को जीवन की नई शुरुआत पर बधाई देते हुए कहा कि—

यह उपाधि वितरण नहीं, बल्कि आपके जीवन के अगले अध्याय की शुरुआत है। इतने वर्षों की मेहनत, संघर्ष और जागी रातों का परिणाम आज आपको डिग्री के रूप में मिला है। अब समय है कि आप अपने देश को कुछ लौटाएँ। उन्होंने भारत की युवा शक्ति को राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि दुनिया की कोई तकनीक या साधन युवाओं की ऊर्जा से बड़ा नहीं हो सकता। डॉ. दास ने असफलता को सीखने का पहला कदम बताया और कहा कि—गिरना हार नहीं है। नीचे पड़े रह जाना हार है। उन्होंने DRDO में मिशन के दिनों को याद करते हुए बताया कि एक समय वैश्विक दबाव था कि भारत 300 किमी से अधिक रेंज की मिसाइल न बनाए, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने 5000 किमी तक की मिसाइलें बनाकर दुनिया को अपनी क्षमता साबित की। उन्होंने छात्रों को देश के विकास में सक्रिय योगदान देने, नवाचार के नए रास्ते खोजने और भारतीयता को गर्व के साथ आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। एआईसीटीई के पूर्व अध्यक्ष व IIT खड़गपुर के पूर्व निदेशक प्रो. दामोदर आचार्य ने अपने भाषण में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई दी।उन्होंने कहा कि उन्हें NIT शिलचर में आकर अपना पुराना समय याद आ गया। उन्होंने बताया कि जब वे पढ़ाई करते थे तब न कंप्यूटर थे, न मोबाइल, न इंटरनेट; लेकिन आज छात्रों के पास दुनिया भर की जानकारी उनकी मुट्ठी में है।उन्होंने कहा कि बाहर की दुनिया चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यहाँ प्राप्त ज्ञान, मूल्य और मित्रता उन्हें पूरी जिंदगी साथ निभाएगी। उन्होंने युवाओं को तकनीकी बदलावों के साथ कदम मिलाकर चलने और जीवनभर सीखते रहने की सलाह दी।
इस वर्ष NIT शिलचर ने कुल 1,211 डिग्रियाँ प्रदान कीं, जिसमें शामिल हैं:बी.टेक 841 छात्र,एम.टेक 135 छात्र,एम.एससी 60 छात्र,एमबीए 48 छात्र, पीएचडी 127 शोधार्थी (पूर्वोत्तर क्षेत्र में रिकॉर्ड)पीएचडी की इतनी बड़ी संख्या संस्थान की शोध क्षमता और बढ़ती अकादमिक गुणवत्ता का प्रमाण है। समारोह में बेस्ट ऑल राउंड ग्रेजुएट अवॉर्ड, बेस्ट डॉक्टोरल स्टूडेंट अवॉर्ड सहित विभिन्न पदक और सम्मान प्रदान किए गए। छात्रों ने राष्ट्र सेवा की शपथ भी ली। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। पूरा ऑडिटोरियम एक उत्सव जैसा माहौल लिए हुए था। विद्यार्थियों के चेहरों पर गर्व व उत्साह स्पष्ट दिख रहा था। अभिभावक भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर भावुक दिखाई दिए।





















