भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के बाहानगा रेल दुर्घटना में जान गंवाने वाले कुछ लोगों के परिवार में मुआवजे को लेकर लड़ाई छिड़ी है। एक ही शव पर परिवार के कई लोग दावा कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में दुर्घटना में मारे गए युवक की पत्नी और उसके पिता ने शव पर दावा किया है। शव किसे सौंपा जाय, इसे लेकर प्रशासन असमंजस में है। पहचान होने के बाद भी शव को परिवार के सुपुर्द नहीं किया जा सका है। दुर्घटना के छह दिन बाद भी 80 से अधिक शवों की हस्तांतरण प्रक्रिया बाकी है। इनमें कई की पहचान नहीं हो सकी है। दर्जनों शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के माध्यम से कराई जा रही है।
एम्स भुवनेश्वर में रखे हैं शव
शवों को एम्स भुवनेश्वर में रखा गया है। बालेश्वर जिले में रमामणि अपने पति कार्तिक बेरा के बारे में पता लगाने के लिए बालेश्वर से एम्स भुवनेश्वर और कीम्स भुवनेश्वर अस्पताल का चक्कर लगा रही थी। उसने एक शव के पैर की अंगुलियों को देखकर अपने पति को पहचान लिया। इसके बावजूद एम्स की ओर से पार्थिव शरीर उन्हें नहीं दिया गया। शव को बंगाल के पंचानन अपने बेटे का बताते हुए दावा कर रहे हैं।
बीएमसी के अधिकारियों में असमंजस की स्थिति
रमामणि पंचानन की बहू हैं। ट्रेन हादसे की खबर मिलने के बाद पंचानन भी अपने बेटे की तलाश के लिए बंगाल से पहुंचे। ससुर और बहू अलग अलग रहते हैं, ऐसे में दोनों कार्तिक के शव को ले जाने की जिद पर अड़ गए। इससे एम्स और बीएमसी के अधिकारियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। पत्नी रमामणि की दो साल की बेटी और पिता पंचानन बेरा के रक्त के नमूने एम्स ने एकत्र किए हैं और डीएनए परीक्षण के लिए दिल्ली भेजे गए हैं।
शवों को हटाए जाने के बाद हाईस्कूल में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी
रेल दुर्घटना के बाद हाई स्कूल के बच्चे दहशत में हैं। दुर्घटना के बाद सभी शवों को पहले बाहानगा हाई स्कूल लाया गया था। इसके बाद शव को पहचान के लिए विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया। स्कूल में शव रखे जाने से डर का माहौल पैदा हो गया है इसलिए पूजा पाठ के बाद हाईस्कूल खोलने की तैयारी की गई है। बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा देने का भी निर्णय लिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल पहुंचकर शिक्षकों और अभिभावकों से चर्चा की। अधिकारी ने कहा कि चूंकि शवों को स्कूल में रखा गया है, इसलिए इसे अच्छी तरह से साफ करने के बाद खोला जाएगा।
पीडि़त परिवारों को नौकरी व शिक्षा प्रदान करेगा कीट
कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, बालेश्वर रेल त्रासदी में मरे ओडिशा के मृतक परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगा। यह जानकारी कीट-कीस विश्वविद्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संस्थान के संस्थापक प्रो. अच्युत सामंत ने दी। पीडि़त परिवारों को उनकी पात्रता के अनुसार कीट और कीस में एक सदस्य को नौकरी की पेशकश करके समर्थन देने का प्रयास करेंगे।