सूरत. गुजरात के सूरत में गणेश विसर्जन के दौरान दो दिन पूर्व पांचवीं कक्षा का एक छात्र समुद्र तक पहुंच गया और फिर बह गया. घरवालों में शोक व्याप्त हो गया और जब 24 घंटे तक वह उसका कुछ पता नहीं चला तो उसे मृत मान लिया और घर-मोहल्ले में शोक की लहर थी, लेकिन आश्चर्यजनक ढंग से 24 घंटे बाद वह बीच समुद्र में भगवान गणेश की विसर्जित की गई प्रतिमा को पकड़े नजर आया.
लखन नाम का यह बच्चा गणेश मूर्तियों के हो रहे विसर्जन को देखने के लिए समुद्र तक पहुंच गया और गहरे पानी तक चला गया. परिवार के लोग उसे अगले दिन तक ढूंढ़ते रहे, लेकिन वह कहीं नहीं मिला. सबने समझ लिया कि अब वह जिंदा नहीं बचा. लेकिन इसके बाद चमत्कार हुआ और बच्चा जिंदा घर लौट आया.
सौभाग्य से लखन को गहरे समुद्र में विसर्जित किए गए गणेश मूर्ति का सहारा मिला. वह समुद्र में 24 घंटे तक मूर्ति को पकड़े रहा. तट से 18 नॉटिकल माइल्स की दूरी पर वह समुद्र में लहरा रहा था, तभी वहां से मछली पकडऩे वाली नाव नवदुर्गा गुजरी. लखन ने आवाज लगाई और हाथ हिलाया, जिसे देखकर मछुआरे तुरंत वहां पहुंचे. उन्होंने लखन को नाव में बिठा लिया.
लाखन को नवसारी के धोआली बंदरगाह पर लाया गया. तट पर पहुंचने से पहले पुलिस को सूचना दी गई. नाव के पहुंचने से पहले वहां एंबुलेंस पहुंच गई थी. पुलिस के मुताबिक 14 साल का लखन 36 घंटे बाद परिवार से मिला. परिवार को जब इसकी सूचना दी गई तो मातम मना रहे लोगों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. बच्चे को नवसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.