नई दिल्ली. कुश्ती पर विवादों के साये ने ओलंपिक क्वालिफायर जैसे टूर्नामेंट के लिए पहलवानों की तैयारियों को छीन लिया। भारतीय टीम के पहलवान बिना तैयारियों के देश को पेरिस ओलंपिक का कोटा दिलाने बिश्केक (किर्गिस्तान) रवाना हो गए। ओलंपिक क्वालिफायर जैसे टूर्नामेंट के लिए पुरुष और महिला पहलवानों का कोई तैयारी शिविर नहीं लगाया गया। पहलवान अपने स्तर पर अखाड़ों में तैयारी कर क्वालिफायर में उतरने जा रहे हैं। अभी तक भारत को कुश्ती में सिर्फ एक ओलंपिक कोटा मिला है, जो अंतिम पंघाल ने दिलाया है।
सूत्रों की मानें तो खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगे निलंबन के चलते ओलंपिक क्वालिफायर के लिए पहलवानों का तैयारी शिविर नहीं लग सका। कुश्ती महासंघ ने 27 मार्च से पुरुषों का शिविर सोनीपत और महिला पहलवानों का शिविर गांधीनगर या पटियाला, बंगलूरू में लगाने की सिफारिश साई से की थी। शिविर में ग्रीकोरोमन, फ्रीस्टाइल और महिला वर्ग के 120 से अधिक पहलवानों का नाम दिया गया था, जिसमें विनेश फोगाट समेत ओलंपिक क्वालिफायर की टीम में शामिल पहलवान भी शामिल थे। महासंघ के प्रस्ताव पर साई ने कोई फैसला नहीं लिया।साई की ओर से शिविर को मंजूरी नहीं दिए जाने के बाद कुश्ती महासंघ ने भी अपने स्तर पर टूर्नामेंट के लिए कोई तैयारी शिविर नहीं लगाया। जिसके चलते पहलवान अपने स्तर पर ही तैयारियां करने को मजबूर रहे। क्वालिफायर की फ्रीस्टाइल टीम में अमन (57), सुजीत (65), जयदीप (74), दीपक पूनिया (86), दीपक (97), सुमित (125) और महिला टीम में विनेश (50), अंशु (57), मानसी (62), निशा (68), रीतिका (76 भार वर्ग) शामिल हैं। विनेश को छोड़ 16 पहलवान मंगलवार की सुबह बिश्केक रवाना हुए हैं।