नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह केरल पहुंचे। प्रधानमंत्री वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ितों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी राहत शिविर में जाएंगे, जहां वर्तमान में पीड़ित रह रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पीएम ने अस्पताल का भी दौरा किया जहां पीड़ितों का इलाज चल रहा है।
केरल पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। पीएम मोदी के साथ सीएम पिनाराई विजयन भी मौजूद थे। उन्होंने पुंचिरिमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया।
स्कूल की दशा देख भावुक हो उठे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेल्लारमाला में एक क्षतिग्रस्त जी.वी.एच.एस. स्कूल का दौरा किया। स्कूल की त्रासदी देखकर पीएम मोदी काफी भावुक हो उठे। उन्होंने सीएम पिनाराई विजयन से पूछा कितने बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता (प्रियजनों) को खो दिया।
जी.वी.एच.एस. स्कूल वेल्लारमाला में 582 छात्र थे, जिनमें से 27 छात्र कथित तौर पर लापता हैं। प्रधानमंत्री ने स्कूल में 15 मिनट बिताए और नए स्कूल भवन की योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली। पीएम मोदी ने भारतीय सेना द्वारा बनाए गए 190 फुट ऊंचे बेली ब्रिज का भी दौरा किया। वहां से गुजरे और रक्षा अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने एक स्थानीय अस्पताल का भी दौरा किया जहां उन्होंने घायल पीड़ितों से मुलाकात की और एक राहत शिविर का भी दौरा किया।
पीएम मोदी करेंगे समीक्षा बैठक
पीएम मोदी एक समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता करेंगे, जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने से एक दिन पहले, केरल सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी।
पीएम मोदी ने प्रभावित इलाकों का किया दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्हें बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायनाड में भूस्खलन के पीड़ितों से मिलने और बातचीत करने के लिए राहत शिविर पहुंचे।
भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की मौत
30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में तेज बारिश के बाद भूस्खलन हुआ था। इस आपदा में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।