अभिमनोज. 2024 के लोकसभा चुनाव मोदी टीम के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं, जहां विपक्षी दल 17-18 जुलाई 20233 को बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक करने जा रहे है, तो विपक्षी एकता की नई चुनौती देखकर मोदी टीम को पुराने सहयोगी याद आ रहे हैं, लिहाज…. 18 जुलाई 2023 को एनडीए की भी बड़ी बैठक बुलाई गई है!
खासबात यह है कि इस बैठक में एनडीए के पुराने सहयोगियों के साथ ही हाल ही में शामिल हुए दलों को भी न्योता भेजा गया है, मतलब…. कहने को कोई कुछ भी कहे, विपक्षी एकता की चुनौती ने- एक अकेला सब पर भारी, दावे को ढेर कर दिया है?
खबरों की मानें तो…. इस बैठक के लिए कुछ ऐसे दलों को भी निमंत्रण पहुंचा है, जो एनडीए के करीबी तो हैं, लेकिन गठबंधन में शामिल होने को लेकर अभी फैसला नहीं किया है!
खबरों की मानें तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक के लिए 19 पार्टियों को न्योता भेजा है….
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), उपेंद्र कुशवाहा की लोक समता पार्टी, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा, संजय निषाद की निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल- निषाद पार्टी, अनुप्रिया पटेल का अपना दल (सोनेलाल), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)- हरियाणा, जनसेना- पवन कल्याण, आंध्र प्रदेश, एआईएमडीएमके- तमिलनाडु, तमिल मनिला कांग्रेस, इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम, झारखंड की आजसू, एनसीपी- कोनरॉड संगमा, नागालैंड की एनडीपीपी, सिक्किम की एसकेएफ
जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट, असम गण परिषद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी- ओमप्रकाश राजभर, शिवसेना (शिंदे ग्रुप), एनसीपी (अजित पवार ग्रुप)
देखना दिलचस्प होगा कि मोदी टीम 2019 की कामयाबी दोहरा पाती है या नहीं, क्योंकि…. बीजेपी के एकल बहुमत पर तो सवालिया निशान गहराता जा रहा है?