वाशिंगटन. अमेरिका में कर्मचारी मांगें पूरी नहीं होने के विरोध में स्ट्राइक करने जा रहे हैं. जिसके लिए 1 अक्टूबर का ऐलान किया गया है. कहा जा रहा है कि अगर ये शटडाउन होता है अमेरिका में हुआ अब तक का सबसे बड़ा शटडाउन होगा. शटडाउन के दौरान मेडिकेयर, मेडिकेड और सामाजिक सुरक्षा भुगतान की सेवाएं जारी रहेंगी. इस शटडाउन के कारण राजस्व को नुकसान पहुंचेगा. ऐसी आशंका विशेषज्ञों की ओर से जताई गई है. लगभग 40 लाख कर्मचारी शटडाउन में भाग लेंगे. आधे कर्मचारी सैन्य या रिजर्विस्ट बताए जा रहे हैं.
हर सप्ताह अमेरिका को होगा 5 बिलियन डॉलर का नुकसान
अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज की ओर से कहा गया है कि अगर शटडाउन होता है तो लगभग हर सप्ताह 5 बिलियन डॉलर का नुकसान अर्थव्यवस्था को उठाना पड़ सकता है. कर्मचारी यूनियनों की ओर से कहा गया है कि शटडाउन कितने समय तक चलेगा, अभी कहा नहीं जा सकता. राष्ट्रपति जो बाइडेन और हाउस रिपब्लिकन की ओर से इस साल की शुरुआत में बजट वर्ष के लिए खर्च सीमा तय करने पर सहमति व्यक्त की गई थी. जिसका उद्देश्य लोन भुगतान में चूक रोकना था. जिसके बाद दक्षिणपंथी हाउस रिपब्लिकन ने समझौते से खुश न होते हुए संघीय खर्च में कटौती की मांग की थी.
सरकारी कामों का राजनीतिक लाभ न लिया जाए
राष्ट्रीय ट्रेजरी कर्मचारी संघ की ओर से भी कहा गया है कि सरकारी कामों को राजनीतिक रूप से लाभ में लेने की कोशिश न की जाए. इससे देश पर असर पड़ता है. वाशिंगटन क्षेत्र की ही बात करें तो 85 प्रतिशत कर्मचारी इससे बाहर रहते हैं. पहले भी शटडाउन हुआ था. तब सरकार की ओर से कहा गया था कि श्रमिक काम पर लौट सकते हैं. लेकिन उन लोगों के पास कार की गैस तक के पैसे नहीं बचे थे. सरकार में बैठे लोग जो चुनकर आए हैं, वे ठीक नहीं कर रहे हैं.
अगर 30 सितंबर की रात तक कोई समझौता नहीं होगा तो वे लोग शटडाउन करेंगे. जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. कुछ कर्मचारी बिना सैलरी काम करेंगे. अंतरिक्ष यान की परिक्रमा, पावर ग्रिड से जुड़े लोग अपनी सेवाएं जारी रखेंगे. वहीं, संघीय जेलों और हवाई अड्डे की सुरक्षा जैसी प्राथमिकताओं को भी कर्मचारियों की ओर से तरजीह दी जाएगी. इसके अलावा राष्ट्रीय उद्यान बंद किए जाएंगे. वहीं, संघीय भवनों के अंदर जो भी पासपोर्ट कार्यालय हैं, को भी बंद किया जा सकता है.