सूरत. दिवाली और छठ पूजा के लिए यूपी-बिहार जाने वाले हजारों यात्रियों को सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रविवार होने की वजह से सुबह स्टेशन पर हजारों यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे रेलवे की व्यवस्थाएं चरमरा गईं.
यात्रियों की भारी संख्या के कारण स्टेशन पर अफरातफरी का भी माहौल है. कुछ लोगों की तबीयत भी खराब होने की खबर है. इस साल आगामी दिवाली और छठ पूजा के लिए घर जाने वाले पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए पश्चिम रेलवे रुटिन ट्रेनों के अलावा 86 अतिरिक्त ट्रेनें चला रहा है, जो 30 नवंबर तक चलेंगी.
पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा
शनिवार की रात से यात्रियों का स्टेशन पहुंचना शुरू हो गया था. कई बार इस तरह की परेशानियों का सामना कर चुके कई यात्री अपनी ट्रेन के लिए 10 घंटे पहले ही स्टेशन पहुंच गए थे. वहीं, सुबह और दोपहर की ट्रेनों के लिए स्टेशन के बाहर यात्रियों की दो किमी लंबी कतार लग गई थी. भीड़ के बेकाबू होने पर पुलिस को भी हल्का बलप्रयोग करना पड़ा.
स्टेशन पर 10 से 12 हजार की भीड़
स्टेशन निदेशक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि स्टेशन पर 10 से 12 हजार की भीड़ है. डेली ट्रेनों के अलावा आज दो स्पेशन ट्रेनें भी चलाई गई हैं. प्लेटफार्म पर दो ट्रेनें खड़ी थी, जिन लोगों के कन्फर्म टिकट थे, उन्हें लाइन लगवाकर ट्रेनों तक पहुंचाया गया. इनके अलावा दो और ट्रेनों की भी घोषणा की गई है, कल से चलने लगी हैं.
दीपावली-छठ के चलते स्टेशनों पर भारी भीड़ दिवाली और छठ पूजा के चलते बिहार जाने वाले यात्रियों की गुजरात के सभी रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ है. यहां से उत्तर भारत जाने वाली सभी ट्रेनें फुल हो चुकी हैं. इसी के चलते अब यात्री जनरल डिब्बों में चढऩे की जद्दोजहद कर रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले साल दिवाली के दिन सूरत रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में चढऩे के लिए मची भगदड़ में एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि कई बेहोश हो गए थे. इसी के चलते इस साल जरूरत के हिसाब से विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
उत्तर भारत जाने वाली सभी ट्रेनें फुल
उधना रेलवे स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए मेडिकल टीम 24 घंटे के लिए उपलब्ध कराई गई हैं. भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे पुलिस बल की भी संख्या बढ़ाई गई है. रेलवे ने उधना रेलवे स्टेशन पर एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है, जिसका मुख्य काम दिवाली तक चलने वाली अनारक्षित और आरक्षित विशेष ट्रेनों में भीड़ की जांच करना है. रोजाना कितने यात्री जुट रहे हैं और कितने जनरल टिकट बिक रहे हैं, इस पर नजर रखी जाएगी. दिन में आरक्षित के अलावा कई अनारक्षित स्पेशल ट्रेनें भी निकलेंगी, जिसके चलते एक-एक ट्रेन पकडऩे के लिए एक बार में 5 से 10 हजार यात्री स्टेशन पहुंच रहे हैं.