प्रे.सं.गुवाहाटी, २३ मई : २२ मई को असम विधानसभा में राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने अपने अभिभाषण में कहा कि असम सरकार अगले अधिवेशन में गौ संरक्षण विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक के माध्यम से राज्य से बाहर गाय के यातायात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा और गौमाता से जुड़ी हुई आपराधिक गतिविधियों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनायी जाएगी। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। इस प्रस्ताविक विधेयक का स्वागत करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय सह गौरक्षा मंत्री उमेश चंद पोरवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को मां माना गया है। गाय का दूध अमृत के समान माना गया है, गाय के पंचगव्य को पवित्र माना गया है। गाय का दूध ही नहीं उसका दही, घी, गोबर, गोमूत्र सबकुछ मनुष्य के लिए लाभकारी है। गौमाता ईश्वर का एक अनमोल उपहार है। देशके कई राज्यों में गौहत्या पर प्रतिबंध है और गाय के संबंधित अपराधों पर कड़ी सजा का प्रावधान है। उसी प्रकार असम सरकार ने भी गौ संरक्षक विधेयक लाने का जो प्रस्ताव दिया है, वह अभिनंदनीय है। विश्वहिन्दू परिषद ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा, असम सरकार और राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया है। विहिप यह विश्वास करती है कि जल्द से जल्द विधेयक लाकर कानून बनाया जाएगा, जिससे गौमाता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।