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कोविड-वैक्सीन चिकित्सा विज्ञान के सभी पैरामीटर पर टेस्टेड और सुरक्षित है- एडीसी काछाड़

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आज से पूरे देश में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का काम शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा लांच किए जाने के बाद शिलचर में भी मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल में कोविडशील्ड वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा। एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए काछाड़ के अतिरिक्त जिलाधिकारी सुमित सतावन ने कहा कि कोविड-वैक्सीन चिकित्सा विज्ञान के सभी पैरामीटर पर टेस्टेड और सुरक्षित है। अफवाहों से बचें, कोरोना से बचाव के लिए यह वैक्सीन पूरी तरह प्रमाणिक है। उन्होंने बताया कि मिस हैंडलिंग की संभावना बहुत कम है पूरी तरह फुलप्रूफ सिस्टम तैयार किया गया है।

पिछले 2 महीने से इसकी तैयारी चल रही है। सभी स्तर पर वैक्सीन देने वालों की प्रशिक्षित टीम तैयार है। जिनको वैक्सीन दिया जाएगा, ऐसे 11710 लोगों का नाम, पता और फोन नंबर पहले से सूचीबद्ध कर लिया गया है। काछाड़ में फ्रंटलाइन कोविड-19 वर्कर्स को प्रथम चरण में वैक्सीन दिया जाएगा। इसमें प्राइवेट नर्सिंग होम में भी काम करने वाले शामिल है। जिले में 25 साइट निर्धारित की गई है, जिसमें सोम, मंगल, बृहस्पति और शुक्र को सुबह 9:00 बजे से 4:00 बजे तक वैक्सीनेशन किया जाएगा।

शिलचर में कोविडशील्ड वैक्सीन दी जाएगी। 1 शीशी में 5 ml वैक्सीन होती है, 1 शीशी में 10 डोज होता है। एक व्यक्ति को .5 ml की डोज दी जाएगी। शिलचर मेडिकल कॉलेज, सिविल हॉस्पिटल, ग्रीन हिल्स, अलीपुर हॉस्पिटल सहित 25 साइटों पर वैक्सीनेशन का काम होगा। वैक्सीन का स्टोरेज सिविल हॉस्पिटल में रखा गया है। ‌एक प्रश्न के जवाब में श्री सतावन ने कहा कि किसी भी युद्ध में अंतिम समय की लापरवाही घातक होती है। लोगों का यह कहना कि जब करोना खत्म हो रहा है, वैक्सीन की जरूरत क्या है तो ब्रिटेन का हाल देख लीजिए। और भी कई देश दोबारा चपेट में आ चुके हैं, भगवान ना करें हमारे देश में भी ऐसा हो। सरकार पूरी तरह से कोरोना से लड़ाई में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है, सरकार ने देशवासियों को बचाने के लिए वैक्सीनेशन का निर्णय लिया है। कोरोना से संग्राम का यह महत्वपूर्ण चरण है। पूरी दुनिया में भारत शक्तिशाली देशों के साथ समान रूप से काम कर रहा है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।

पहले से सूचीबद्ध लोगों को स्थान और समय के बारे में सूचित किया जाएगा। जिनका नाम तालिका में है, उन्हें ही वैक्सीन दिया जाएगा। यह पूरी तरह से स्वेच्छा पूर्वक दिया जाएगा, कोई जोर जबरदस्ती नहीं है। जिनका नाम होगा, उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर पर आईडी प्रूफ चेक करके ही अंदर जाने दिया जाएगा। वैक्सीन देने के बाद 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा। रिएक्शन देखने के पश्चात ही छोड़ा जाएगा वापस जाने के बाद भी यदि उन्हें कोई समस्या आती है तो इसका ध्यान रखा जाएगा। कोई भी वैक्सीन जब दी जाती है तो उसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे सिर दर्द करना, शरीर दर्द करना, इंजेक्शन लगने वाले स्थान में स्वेलिंग आदि।

गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन नहीं दी जाएगी। यदि कोई कोरोना मरीज है तो उसे पूरी तरह ठीक होने के 14 दिन बाद दिया जा सकता है। वैक्सीन की शीशी एक बार खुलने के बाद 4 घंटे के भीतर उसे यूज करना होगा अन्यथा वह बेकार हो जाएगा। पूरे देशवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह वैक्सीन तैयार किया गया है। जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन का काम किया जा रहा है।

पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त जिलाधिकारी सुमित सतावन सहित संयुक्त निदेशक सुदीप ज्योति चौधरी, जिला मीडिया विशेषज्ञ सुमन चौधरी, डॉक्टर अरुण देवनाथ, डॉ जितेंद्र सिन्हा, डॉ बीके राय, डॉ प्रशांत एवं आकाशदीप चौधरी आदि उपस्थित थे।

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