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शिवकुमार शिलचर 17 दिसंबर: पत्रकार संघ असम की अध्यक्षा शमीमा सुल्ताना और महासचिव मनोजीत दास द्वारा राज्य सरकार के भेदभावपूर्ण व्यवहार के विरुद्ध विगत 14 दिसंबर को गुवाहाटी दौरे पर आए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन को एक ज्ञापन दिया गया। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की भेदभावपूर्ण विज्ञापन नीति से अधिकांश समाचार पत्रों को गंभीर रूप से आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार की मनमानी नीति से पत्रकार गंभीर रूप से प्रभावित हैं। समाचार पत्रों की सरकारी राशि का भुगतान नहीं होने के कारण पत्रकारों को मासिक वेतन समय पर नही मिल पा रहा है। पीसीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए महीने दर महीने विज्ञापन बिल रोका जा रहा है। उत्तर पूर्वांचल के समाचार पत्रों के संगठन ने इन सब विसंगतियों से छुटकारा पाने के लिए गौहाटी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय ने असम सरकार को निर्देश दिया है विज्ञापन की वार्षिक दर में संशोधन और 60 दिनों के अंदर बिल का भुगतान करना होगा। ज्ञापन में आगे उल्लेख किया गया है की असम सरकार ने विज्ञापन नीति 2014 से संशोधित नहीं किया है। बिल आने में छह महीने देर होने के चलते पत्रकारों को नियमित मासिक वेतन से वंचित होना पड़ रहा है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष महोदय को ज्ञापन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने तथा स्वतंत्र पत्रकारिता और समाचार पत्रों का आज़ादी को बचाए रखने में सहायता का अनुरोध किया गया है।