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सुब्रत दास बदरपुर: कोरोना की दूसरी लहर ने भारत के अन्य राज्यों के साथ असम के विभिन्न जिलों को प्रभावित किया है। बराक घाटी में हर दिन औसतन एक व्यक्ति की मौत हो रही है। हर दिन लगभग दो सौ लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। स्थिति किसी भी समय नियंत्रण से बाहर हो जा सकता है। कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में विभिन्न कदम उठाए हैं। बराक घाटी में शिलचर मेडिकल कॉलेज ने अपनी ऑक्सीजन परियोजना स्थापित की है।
करीमगंज अस्पताल बीस बेड का वेंटिलेशन प्रकल्प बना है। लेकिन जिस तरह से दिन-ब-दिन करोना का मरीज बढ़ रहा है, उसमें पूर्वोत्तर रेलवे प्राधिकरण ने वैकल्पिक उपचार के उपाय किए हैं। २० डिब्बों की पूरी ट्रेन अस्पताल बनाई गई है। बीस कमरे एक बार में ३६० मरीजों का इलाज करेंगे। प्रत्येक कमरे में १८ मरीजों के लिए बेड उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य सरकार जब चाहे अस्पताल की ट्रेन उन्हें सौंप दी जाएगी। हालांकि,अस्पताल ट्रेन के डॉक्टरों,नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्त किया जाना है। ट्रेन के हर कमरे में ऑक्सीजन है,लेकिन उसे ऑक्सीजन को भरना होगा। रेलवे अधिकारियों के एक विशेष सूत्र के अनुसार,बराक के वैकल्पिक अस्पताल का उद्घाटन एक या दो दिन में किया जाएगा।