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नई दिल्ली/गुवाहाटी, 03 जुलाई (हि.स.)। हाईस्कूल और ईंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम को लेकर बनायी गयी मूल्यांकन नीति को लेकर असम के शिक्षा मंत्री की टिप्पणी को लेकर राज्य में परीक्षार्थियों के साथ ही उनके अभिभावक व छात्र संगठनों के द्वारा लगातार विरोध दर्ज कराया जा रहा था। इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि परीक्षा पास करें, परिणाम प्राप्त करें और उसके आधार पर परीक्षार्थी नौकरी भी प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने शनिवार को नई दिल्ली में हाईस्कूल परीक्षा, उच्च मदरस और हायर सेकंडरी (इंटरमीडिएट) की फाइनल परीक्षाओं परिणाम को लेकर अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार की परीक्षा पास करने वालों को नौकरी न मिलने पर गलतफहमी है। सभी को नौकरी मिलेगी, सिर्फ टेट में नौकरी को लेकर समस्या है। कई लोग बिना समझे गलत कह रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि असम में किसी अन्य नौकरी के लिए मैट्रिक या माध्यमिक परीक्षा के अंकों की आवश्यकता नहीं होती है। केवल टेट परीक्षा में मैट्रिक और माध्यमिक परीक्षा के अंक की आवश्यकता होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेट की नौकरी पर विस्तार से विचार करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं बघबर-जनिया में परीक्षार्थियों को 100 अंक दे दिया गया तो पूर्व में और निकट भविष्य में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों का क्या होगा? अगले साल परीक्षा देने वाले बैच का क्या होगा। उन्होंने दोहराया, अगर हर कोई योग्य है तो अगले 10 साल में इनके अलावा अन्य किसी को भी असम में नौकरी नहीं मिलेगी। असम में 4 लाख नौकरियां हैं। ऐसे में इस बैच के 4 लाख लड़कों-लड़कियों को ही नौकरी मिलती रहेगी। ऐसे में अगर पूर्व और बाद के परीक्षार्थी कोर्ट में केस दायर करते हैं तो एक और समस्या होगी। उन्होंने कहा कि, न केवल इस साल बल्कि, पिछले और आगामी वर्षों के परीक्षार्थियों को भी मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक आंकलन नीति बनाई है और किसी के पास इससे बेहतर सलाह है तो दें उस पर विचार किया जाएगा।