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मेघालय की पहली महिला डीजीपी महिलाओं की सुरक्षा को देंगी प्राथमिकता

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शिलांग, । मेघालय की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) इदाशिशा नोंगरांग अपराध के खिलाफ लड़ाई, सार्वजनिक सुरक्षा, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगी।

निवर्तमान डीजीपी एलआर बिश्नोई की जगह असम-मेघालय कैडर के 1992 बैच की आईपीएस अधिकारी इदाशिशा नोंगरांग ने राज्य पुलिस प्रमुख का पदभार संभालने के बाद आज दूसरे दिन पुलिस मुख्यालय में हिन्दुस्थान समाचार के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कई मुद्दों पर बात की जिन पर मेघालय पुलिस को काम करना चाहिए।

इदाशिशा नोंगरांग ने पुलिस की जिम्मेदारी, कर्तव्य और समर्पण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बढ़ रही अपराध की प्रवृत्ति से निपटने, खासकर सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने का प्रयास करने का वादा किया है। उन्होंने कहा, हमें अपेक्षित नतीजे नहीं मिले। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों की समस्या पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद इन अपराधों को कम नहीं किया जा सका है। इसलिए इस बार एक महिला होने के नाते वह इन सभी अपराधों को रोकने को प्राथमिकता देंगी।

राज्य के नवनियुक्त पुलिस प्रमुख नोंगरांग ने कहा कि वह खुफिया स्रोतों को मजबूत करना चाहती हैं। डीजीपी ने पुलिस बल की समग्र दक्षता बढ़ाने के लिए प्रभावी खुफिया अभियानों की आवश्यकता पर जोर दिया।

मेघालय में ड्रग्स के प्रचलन को लेकर डीजीपी ने कहा, यह मुद्दा न केवल मेघालय, बल्कि पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि शिलांग शहर अब ड्रग्स ट्रांजिट रूट से उपभोक्ता केंद्र में बदल गया है लेकिन इससे सख्ती से निपटने की पूरी कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा हालांकि, एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने मादक पदार्थों की तस्करी की कड़ी को तोड़ने के अपने प्रयास जारी रखे हैं।

ज्ञात हो कि नई महिला डीजीपी ने ड्रग्स के व्यापार पर और अधिक सख्ती से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अन्य संगठनों और नागरिकों से भी सहयोग का आह्वान किया।

मेघालय में अवैध कोयला खनन के संदर्भ में डीजीपी ने स्वीकार किया कि कानूनी मुद्दों के अलावा, लोगों की आजीविका की समस्याओं को संतुलित करने में एक जटिलता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने शांति वार्ता से हटने के लिए चरमपंथी संगठन ‘हैनीयूट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी)’ के साथ बातचीत का दरवाजा खुला रखा है। खासी उग्रवादी संगठनों के कथित डिमांड नोट की चल रही जांच का जिक्र करते हुए जोर देकर कहा कि जांच जारी है और पुलिस इसका सत्यापन कर रही है।

भटके हुए युवाओं को सही रास्ते पर वापस लाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डीजीपी ने महसूस किया कि यह जिम्मेदारी पुलिस के साथ-साथ समाज और अन्य संबंधित समूहों को भी उठानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें दोबारा सोचने की जरूरत है कि हम इन सभी समस्याओं का समाधान कैसे कर रहे हैं। हमें इन सब से निपटने के लिए अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, यदि आवश्यक हो तो पुलिस प्रणाली में सुधार करना होगा।

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