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असम-मिजोरम पुलिस संघर्ष में मारे गए जवानों के परिवार को मिलेगा ५० लाख रुपये मुआवजा

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असम-मिजोरम पुलिस संघर्ष में मारे गए जवानों के परिवार को मिलेगा ५० लाख रुपये मुआवजा

मुख्यमंत्री डा. हिमंत बिश्व शर्मा दक्षिण असम के काछार जिले में असम-मिजोरम सीमा पर लैलापुर में सोमवार को मिजो की गोलीबारी में छह लोगों के मारे जाने के बाद मंगलवार को शिलचर पहुंचे एवं एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि असम की एक इंच जमीन मिजोरम को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि असम के एरिया में फायरिंग हुई है। इसमें असम पुलिस केस दर्ज करेगी, जांच करेगी। सिविलियन के पास स्नाइपर, बुलेट प्रूफ जैकेट कहां से आया? यह चाइना और इंडिया का झगड़ा नहीं था, यहां बम और हथियार उपयोग करने की क्या जरूरत थी? १९७२ में जो मिजोरम था वही रहेगा असम की सीमा में कोई भी रिजर्व फॉरेस्ट अतिक्रमण करेगा, हम उसे हटाएंगे।
उन्होंने घोषणा की, कि असम में काछाड़, करीमगंज एवं हाइलाकांदी के साथ १६४.६ किलोमीटर की मिजोरम सीमा को सुरक्षित करने के लिए असम सरकार लगभग ४,००० कमांडो बल तैनात करेगी। उन्होंने कहा कि असम जरूरत पड़ने पर और भी जान देने को तैयार है। फिर भी किसी भारतीय को गोली नहीं मारी जाएगी। साथ ही चेतावनी दी कि एक इंच भी जमीन छोड़ा नहीं जाएगा। सीमा सुरक्षा के लिए तीन कमांडो बटालियन भेजी जाएंगी। प्रत्येक बटालियन में १२०० कमांडो जवान हर समय बॉर्डर पर प्रहरारत रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद हुए पांच जवानों के परिवारों को मुआवजे के तौर पर ५० लाख रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाएगी। प्रत्येक परिवार के एक निकट आत्मीय को सरकारी नौकरी में नियुक्ति दिया जायेगा। इसके अलावा ४२ घायल जवानों में से प्रत्येक को १ लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने मिजोरम में सीमा सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को एक माह का वेतन अतिरिक्त देने की घोषणा की। पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ६ महीने से असम के पांच सेक्टर में मिजोरम पुलिस और मिजोरम के लोग असम की जमीन कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे। शपथ लेने के बाद ही मैंने मुख्यमंत्री से फोन करके बात किया था कि सेटेलाइट सर्वे करके यथा स्थिति के लिए समझौता किया जाए और विवाद को सुलझाने के लिए भारत सरकार के निर्देश का इंतजार किया जाय। मुख्य सचिवों की बैठक में मिजोरम सरकार ने स्वीकार भी किया था। मैंने कहा था कि एक दिन निर्धारित करके, उस दिन जो स्थिति थी उस पर दोनों पक्ष कायम रहेंगे। इसके लिए समझौता पत्र भी तैयार हुआ किंतु उन्होंने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया और हमारी जमीन का अतिक्रमण शुरू कर दिया। मैंने असम पुलिस को अपने जमीन की सुरक्षा करने का निर्देश दिया। हम शांतिपूर्ण प्रयास कर रहे थे लेकिन वह लगातार फारेस्ट रिजर्व एरिया में रास्ता घाट और निर्माण कार्य कर रहे थे, यहां तक कि पुलिस चौकी भी बना दिया।
पुलिस चौकी हटाने के लिए कहा गया तो पहले उन्होंने पथराव किया फिर फायरिंग कर दिया। मेरे साथ मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा की फोन से ५-६ बार बात हुई, मैने उनसे कहा कि बात करेंगे। अभी एस पी, डीआइजी, आइ जी की बात चल ही रही थी कि उन्होंने ऊपर से फायरिंग शुरू कर दिया, ३०-३५ मिनट तक फायरिंग चलती रही। असम पुलिस के ४२ जवान घायल हुए, जिसमें से पांच जवानों की मौत हो गई। मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात चल रही थी, मैंने ६ बार फोन से बात किया और कहा कि आप तय करिए, भारत सरकार के निर्णय आने तक हम यथा स्थिति बनाए रखेंगे। मैंने मुख्यमंत्री को जब कहा कि फायरिंग हो रही है, उन्होंने सॉरी कहा। अब हम असम की एक इंच भूमि नहीं छोड़ेंगे, अपने जमीन की सुरक्षा करेंगे। भारत सरकार के निर्देश पर हमने पोस्ट सीआरपीएफ को दे दिया लेकिन मिजोरम केंद्र की बात नहीं मान रहा। अपने ही देश वासियों के ऊपर लाइट मशीन गन से फायरिंग और उसके बाद उल्लास प्रकट करना। इससे असम वासी दुखी है। अब जो भी हो जाए हम असम के जमीन की सुरक्षा करेंगे। हम रिजर्व फॉरेस्ट की सुरक्षा करेंगे, वे लोग वन ध्वंस कर रहे हैं। सेटेलाइट चित्र देखने से साफ पता चल रहा है। एक सवाल की जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दो राज्यों के बीच सीमा विवाद है, कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह विवाद रिजर्व फॉरेस्ट का है और असम फॉरेस्ट की सुरक्षा कर रहा है। यह कोई चाइना, पाकिस्तान और इंडिया की लड़ाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से लोग वर्मा से यहां आकर घुसना चाहते थे, हमने उसे ब्लॉक कर दिया। हमने असम में डड्ढग्स सप्लाई लाइन को बंद कर दिया। गो हत्या बंद कर दिया। डड्ढग्स, बीफ और वर्मा के १०,००० लोगो को हमने रोक दिया है। हो सकता है कुछ शक्तियां लोगों को भडक़ा सकती है, कुछ फोटोग्राफ मिले हैं, जिसमें सिविलियन के हाथों में हथियार है। यह मिजोरम सरकार का दायित्व है कि वह जांच करे की सिविलियन के हाथ में हथियार कैसे आया? स्नाइपर, राइफल और बुलेट प्रूफ जैकेट कहां से मिला? प्रेस ब्रीफिंग के समय मुख्यमंत्री के साथ काछाड़ के अभिभावक मंत्री अशोक सिंघल, कैबिनेट मंत्री परिमल शुक्लवैद, पीयूष हजारिका, स्थानीय विधायक कौशिक राय, दीपायन चक्रवर्ती पूर्व विधायक अमिनुल हक लश्कर आदि उपस्थित थे।
वायु सेना की एयर एम्बुलेंस में घायल हुए काछाड़ जिला पुलिस सुपर वैभव चंद्रकांत निंबालकर को आज मुंबई ले जाया गया। एसपी को उनके कूल्हों में एक गोली लगने के बाद गंभीर सर्जरी की आवश्यकता है। एसपी को कुल पांच गोली लगी थी। पैल में लगी गोली को सिलचर मेडिकल कालेज अस्पताल के चिकित्सकों ने सर्जरी कर बाहर निकाल दिया है। उल्लेखनीय है कि मिजोरम पुलिस ने सोमवार को असम के अधिकारियों, पुलिस कर्मियों और नागरिकों पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें असम पुलिस के पांच जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई थी जबकि ५० से अधिक घायल हो गए थे। इसके अलावा धोलाई पुलिस स्टेशन के ओसी शहाबुद्दीन सहित तीन पुलिसकर्मी को उन्नत चिकित्सा के लिए अलग-अलग एयर एंबुलेंस में गुवाहाटी भेजा गया है। मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे शिलचर पहुंचे और मेडिकल कॉलेज अस्पताल गए। इसके बाद सीमा के लैलापुर में मिजो उपद्रवियों के गोलाबारी की घटना में मारे गए पांच पुलिसकर्मियों और जवानों को अंतिम श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने दोपहर में काछाड़ के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शहीद जवानों को सेलुट देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में काछार जिले के अभिवावक मंत्री अशोक सिंघल, जल संसाधन और जनसंपर्क राज्य मंत्री पीयूष हजारिका, राज्य पुलिस के विशेष निदेशक जीपी सिंह, राज्य पुलिस प्रधान भास्करज्योति महंत, दक्षिण असम के डीआईजी देवज्योति मुखर्जी, जिला उपायुक्त श्रीमती कीर्ति जाल्ली प्रमुख उपस्थित थे। इसके अलावा तीन स्थानीय विधायक कौशिक राय, द्वीपायन चक्रवर्ती एवं करीमुद्दीन बड़भुइयां ने भी श्रद्धांजलि दी। इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा हाफलोंग से हेलीकॉप्टर से सिलचर पहुंचे। पुलिस परेड ग्राउंड के अस्थाई हेलीपैड पर उतरी और सीधे सिलचर मेडिकल कॉलेज गई। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक वैभव निंबालकर एवं गोली मारकर घायल की गई सभी मरीजों के इलाज की जानकारी ली। बाद में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष, सुपर एवं विभागीय प्रधानों से मुलाकात की। उन्होंने सभी को सतर्क रहने को कहा ताकि उनके इलाज में जरा सी भी चूक न हो। मुख्यमंत्री ने सीमा विवाद में शहीद हुए पुलिसकर्मियों और जवानों के परिजनों से भी मुलाकात की. उन्होंने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
काछार जिले के धोलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लैलापुर में मिजोरम सीमा मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए बराक के जनप्रतिनिधियों को दोषी ठहराया है स्थानीय नाराज लोगों ने। विशेष रूप से धोलाइ विधानसभा केंद्र के विधायक तथा दो बार के मंत्री परिमल शुक्लवैद्य को दोषी ठहराया गया है। लोगों की शिकायत है कि शुक्लवैद्य को बराक घाटी की वास्तविक समस्या की जानकारी नहीं है और समस्या का समाधान करने में असमर्थ रहे हैं।

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