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असम राज्य में रसायन मुक्त कृषि करायेगा गोरक्षा आयाम: उमेश पोरवाल विहिप

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    होजाई लंका के 2 नम्बर पीपल पुखडी उदयपुर में एवं बालीखत काकी 2 में गोपालक, गो सेवक कृषकों में जन जागरण कर संगोष्ठी सम्पन्न हुई. जिसमें भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद केन्द्रीय मंत्री एवं विहिप गोरक्षा विभाग गुवाहाटी क्षेत्र के पालक उमेश चन्द्र पोरवाल ने गोमाता का पूजन-अर्चन, आरती कर संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने असम राज्य के गो सेवकों, गोपालकों को अवगत कराया कि अपनी असम राज्य की भारतीय देशी गाय का नाम लखीमी ( लक्ष्मी) है। इसका ही गोबर, गोमूत्र श्रेष्ठ है। आज देशभर में 43 प्रकार की भारतीय गोवंशीय नस्लें है। उनमें अपने असम राज्य की लखीमी नस्ल है। इसी देशी गोवंश के विकास के लिए सम्पूर्ण देश में विहिप गोरक्षा विभाग अपनी भारतीय देशी गोवंश के संरक्षण व संवर्धन एवं गोवंश की उपयोगिता व महात्म्य समाज के सामने जन जागरण कर रहा है।
भारत की आत्मा गाँव में वास करतीं हैं, गाँव का आधार किसान है और किसान का आधार कृषि है और कृषि का आधार गोधन (पशुधन) है। जिसका संरक्षण करना भारतीय संस्कृति संविधान के अनुसार हम सबका कर्तव्य और दायित्व है।
असम सरकार ने गो संरक्षण का एक मजबूत कानून पारित किया जो बहुत ही सराहनीय कदम उठाया, जिसका हमसब स्वागत करते हैं ।
आज आवश्यकता है कर्जमुक्त किसान हो, रोजगार युक्त नौजवान हो, दुग्ध युक्त भारत हो और स्वस्थ भारत हो आत्मनिर्भर और स्वावलंबी गोपालक किसान हो। इसके लिए भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद. अनेक गो उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण के द्वारा दैनिक जीवन में उपयोगी दंतमंजन, धूपबत्ती, उपटन,हवन, समिधा, बर्तन धोने का पाउडर, गोनाइल, शैम्पू, ग़म कण्डे अनेक प्रकार की गोबर निर्मित खाद एवं फसल रक्षक कीट नियंत्रण आदि का प्रशिक्षण प्राप्त अपने अपने जिला गाँव में गो आधारित ग्राम विकास कर स्वस्थ और सम्पन्न स्वावलंबी गोपालक बने, इसके लिए अभी गुजरात, अहमदाबाद बंशीधर गौशाला से प्रशिक्षण प्राप्त कर आये अंकुर बेजबरुआ जी प्रान्त सह गोरक्षा प्रमुख विहिप गो कृपा अमृतम् से आज देश के 22 राज्यों के किसान सफलता से रसायन मुक्त खेती कर रहे हैं।
अपने असम में विहिप गोरक्षा विभाग जन जागरण कर किसान गोपालक गो कृपा अमृतम् कल्चर का प्रयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। गो कृपा अमृतम् बिल्कुल निशुल्क दिया जायेगा, कुछ सावधानियां को ध्यान में रखकर अंकुर बेजबरुआ जी ने किसानों गोपालकों को असमिया भाषा में अच्छे से समझाया और किसानों को रसायन मुक्त खेती करने का संकल्प दिलाया और बताया नवम्बर माह से विहिप गोरक्षा विभाग एक रथ असम के सभी जिलों में गो कृपा अमृतम् कल्चर का निशुल्क वितरण के साथ प्रचार- प्रचार द्वारा रचनात्मक कार्य किया जायेगा एवं महिला समूह के द्वारा दंतमंजन, धूपबत्ती, आदि अनेक गो उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा ताकि असम राज्य को शीघ्र रसायन मुक्त, कर्जमुक्त, रोजगार युक्त, दुग्ध युक्त, स्वस्थ और स्वावलंबी राज्य बनाने में सहयोगी बने। गोसेवा से भारत का गौरव बढेगा। कार्यक्रम संयोजक राहुल सेकिया जी ने सबका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में गांवबूढा पालकनाथ, ब्लाक अध्यक्ष तपन दास, बजरंगदल विभाग संयोजक अरविंद चक्रवर्ती, संदीप अग्रवाल जी, गो विज्ञान परीक्षा विभाग प्रमुख एवं जिला सहसंयोजक सौरव डे, श्रीमती जयन्ती सेकिया, दशरथ राजभर, खोमेश्वर बोरा, नीजू बरुआ, मीथुन मजूमदार, भावेश्वर बोरा, अध्यक्ष कृषि विकास, रामेश्वर सेकिया ब्लॉक सचिव, जतिन बोरा, श्रीमती महाजनी बोरा महिला समूह प्रमुख, श्रीमती बन्ती सेकिया, श्रीमती गुनमह सेकिया तथा धर्मेन्द्र चौधरी जिला गोरक्षा प्रमुख विहिप आदि कृषक गोपालकगण उपस्थित रहें ।

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