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आजादी का अमृत महोत्सव : पूसीरे ने मनाया आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन कार्यक्रम

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देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। इस अवसर रेल मंत्रालय भी ‘आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन’ कार्यक्रम मना रहा है, जिसके लिए देशभर में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित 75 स्टेशनों को अलंकरण के लिए चुना गया है और 27 ट्रेनों को दिव्य रोशनी के लिए चुना गया है।

इस आयोजन के तहत स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) के अधीन 09 स्टेशनों को अलंकृत किया जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों के नौ स्टेशनों में असम का गहपुर, रोहा और शिवसागर टाउन, त्रिपुरा का अगरतला, मणिपुर का जिरिबाम, नगालैंड का डिमापुर, मिजोरम का भैरबी, अरुणाचल प्रदेश का नाहरलगुन, मेघालय का मेंदीपथार शामिल है।

केंद्रीय कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को रेल भवन, नई दिल्ली में किया गया था। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीके त्रिपाठी ने रेल भवन से पूरे भारतीय रेल के समारोह को संबोधित किया। उन्होंने सभी महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों को इस कार्यक्रम को उत्साह के साथ मनाने और अधिक से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम में शामिल करने की सलाह दी।

पूसीरे में समारोह की एक कड़ी के रूप में, पूसीरे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने आज गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक समारोह में “आजादी की रेल गाड़ी और स्टेशन” के प्रतिष्ठित एक सप्ताहव्यापी कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों को आमंत्रित किया गया था, जहां रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य सम्मानित व्यक्तियों की उपस्थिति में उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। अंशुल गुप्ता ने कामरूप जिला के हाजो से स्वतंत्रता सेनानी स्व. ममत चंद्र मजुमदार के पुत्र नृपेंद्र कुमार मजुमदार, दरंग जिला के सिपाझार से स्वतंत्रता सेनानी स्व. विद्या राम सरमा के पुत्र बिनय रंजन सरमा, नलबाड़ी जिला के देहारकुची से स्वतंत्रता सेनानी स्व. लोहित चंद्र लहकर के पुत्र कमल चंद्र लहकर, कामरूप जिला के कोनिहा से स्वतंत्रता सेनानी स्व. बिपिन सरमा के पुत्र द्विगेंद्र मोहन सरमा को सम्मानित किया गया। इस जोन के सभी मनोनीत स्टेशनों पर भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रतिष्ठित सप्ताह 23 जुलाई तक जारी रहेगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, पूसीरे के महाप्रबंधक ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया, जिन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से आंदोलन का नेतृत्व किया और ब्रिटिश शासन से स्वाधीन प्राप्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और जिनका इन स्टेशनों या क्षेत्रों से अटूट संबंध है। उन्होंने कनकलता बरुवा, लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदलोई, मणिराम दत्त बरुवा, जितेंद्र चंद्र पॉल, बीर तिकेंद्रजीत सिंह, रानी गाइडिन्ल्यू, हेपाउ जादोनांग, शूरवीर पासालथा खुवांगचेरा, माटमूर जमोह, यू कियांग नोंगबा, तोगन संगमा, मोजे रिबा आदि पूर्वोत्तर के स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका और बलिदान के बारे में जानकारी दी।

महाप्रबंधक ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में भी बताया, जिन्होंने 4 बार वर्ष 1921, 1926, 1934 और 1946 में असम का दौरा किया था और उनके दिल में राज्य का एक विशेष स्थान था। उन्होंने यह भी बताया कि पूसीरे ने इन स्टेशनों में सभी हितधारकों, स्काउट्स और गाइड्स, रेलवे अधिकारियों और आम लोगों की सक्रिय भागीदारी के साथ पूरे प्रतिष्ठित सप्ताह में कई कार्यक्रमों की योजना बनायी है। इस दौरान स्टेशनों पर लाइट एंड साउंड शो, फोटो बूथ, नुक्कड़ नाटक आदि गतिविधियां की जाएंगी।

पूसीरे ने पूर्वोत्तर के लोगों से पूसीरे के 9 स्टेशनों पर होने वाले कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेकर इस प्रतिष्ठित सप्ताह के उत्सव को एक भव्य सफल बनाने का आह्वान किया है।

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