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एनआईटी शिलचर मनाया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, विज्ञान व अभियांत्रिकी के जरिए भारत श्रेष्ठत्तम आलम प्राप्त करेगा- प्रोफेसर रजत गुप्त

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कार्यक्रम की शुभारंभ के दौरान मुख्य अतिथि दिनेश तिवारी सम्बोधन करते हुए, अन्य छवि में निदेशक रजत गुप्ता व अन्य। 

 रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित, सामाजिक विज्ञान विभागों और संस्थागत नवाचार परिषद के संयुक्त तत्वाबधान में मंगलवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया।  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है।  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम मंगलवार को एनआईटी सिलचर के गेस्ट हाउस के सम्मेलन कक्ष में आयोजित हुई।

 इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में  प्रोफेसर दिबाकर तिवारी, डीन ऑफ साइंसेज, मिजोरम विश्वविद्यालय , एनआईटी शिलचर  के निदेशक प्रोफेसर रजत गुप्ता, एनआईटी शिलचर के छात्र कल्याण के डीन प्रांजीत बर्मन, डीन अकादमिक प्रोफेसर करीम उद्दीन बरभुइया, डीन आर एंड सी नलिन बिहारी चौधरी सहित चार विभागों के  समन्वयक क्रमशः भौतिकी विभाग के डॉ. पी. श्रीनिवासन, गणित विभाग के डॉ. सुब्रत बेहरा, रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. सैमवेल रोक्को और डॉ. एन बी सिंह उपस्थित थे।  इनके अलावा चार विभागों के पीएचडी स्कालर और अन्य विभागीय संकाय और एनआईटी सिलचर के छात्र-छात्रा  उपस्थित थे। एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रोफेसर रजत गुप्ता ने मुख्य अतिथि  द्वीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

 विज्ञान दिवस के मौके पर एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रोफेसर रजत गुप्ता ने कहा कि आज हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मना रहे हैं।  पहला विज्ञान दिवस 28 फरवरी, 1928 को मनाया गया था। आज इस मौके पर एनआईटी सिलचर के छात्र-छात्रा विज्ञान संबंधी विशेष प्रस्तुति पेश करेंगे।  साथ ही क्षेत्र के अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी आमंत्रित किया गया है, वे भी आकर एनआईटी में विज्ञान से संबंधित सामग्री का अवलोकन करेंगे और विभिन्न प्रकार की विज्ञान संबंधी सामग्री दिखायी जायेगी।  इसके अलावा एनआईटी के पीएचडी स्कॉलर अपना प्रेजेंटेशन खुद प्रस्तुत करेंगे।  उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए बजट में बहुत पैसा रखा है, हमारे देश में 65 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं, उनका भविष्य बहुत ही उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि स्किलिंग, आफ-स्किलिंग और दीस-स्किलिंग के लिए हमारा दायित्व  हैं।  विज्ञान अर्थहीन है यदि यह समाज के लिए उपयोगी नहीं है। विज्ञान का मूल अर्थ समाज का विकास है।  उन्होंने कहा कि विज्ञान और इंजीनियरिंग के जरिए भारत एक दिन सबसे बड़ी श्रेष्ठ आसन प्राप्त करेगा।  निदेशक रजत गुप्ता ने उस दिन एनआईटी सिलचर की 1967 में स्थापना सहित आज तक की प्राप्ति पर प्रकाश डाला।

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