प्रेरणा ब्यूरो शिलचर, 4 दिसंबर: भाजपा के जिला अध्यक्ष विमलेंदु राय ने जिला कार्यकारिणी की तालिका घोषित की है, जिसमें 17 पदाधिकारी और 49 जिला कार्यकारिणी के सदस्य नियुक्त किए गए है। आमंत्रित सदस्य 24 लिए गए। काछाड़ के वोट समीकरण के हिसाब से देखा जाए तो यह कमेटी बहुमत का प्रतिनिधित्व नहीं करती। कमेटी में अधिकांश एक ही वर्ग के लोगों को लिया गया है, विशेष करके शहर केंद्रित समिति बनाई गई है। 17 पदाधिकारी में मात्र एक हिंदीभाषी रखा गया है जबकि 49 कार्यकारिणी सदस्य में 6 सदस्य ही हिंदीभाषियों से रखे गए हैं। 24 आमंत्रित में केवल एक हिंदीभाषी है। जनसंख्या के लिहाज से हिंदीभाषी और चाय बागान के मतदाताओं की संख्या एक तिहाई से ज्यादा है। इस हिसाब से पदाधिकारियों में 3-4, सदस्यों में 15-16 और आमंत्रित में 7-8 सदस्य हिंदीभाषी समाज से लेना चाहिए था। जनसंख्या के हिसाब से कार्यकारिणी में हिंदीभाषी समाज से 20-25 लोगों को रखा जाना चाहिए था। जो नहीं किया गया, इससे हिंदीभाषी समाज में और बाकी समाज में भी असंतोष होना स्वभाविक है। समर्थन करने वाले प्रतिनिधित्व पाने की भी आशा रखते हैं।
भाजपा के सांसद और विधायक बिना हिंदीभाषी के समर्थन के एक भी सीट जीत नहीं सकते फिर भी जिला कार्यकारिणी में इस प्रकार उपेक्षा से लोगों में नाराजगी है। ऐसा लगता है कि नगर निकाय के होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए समिति गठित की गई है। काछार में लखीपुर से विधायक, जिला परिषद का चेयरमैन और चाय निगम का चेयरमैन होते हुए भी समिति गठन में हिंदीभाषियों की उपेक्षा समझ में नहीं आई। इसके पहले भी ओबीसी बोर्ड में केवल एक हिंदीभाषी को रखा गया, उसकी नाराजगी अभी गई नहीं थी की एक बार फिर? यदि इसी प्रकार लोगों में असंतोष बढ़ता रहा तो आगे चलकर भाजपा के लिए कठिनाई आ सकती है।