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पाकिस्तान फिर से भारत के साथ व्यापार शुरू करना चाह रहा 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में रोका था ट्रेड

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नई दिल्ली. पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार संबंध बहाल करने पर विचार कर रहा है. पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत के साथ व्यापार को एकतरफा तरीके से रोक दिया था.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा- पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है. इस संबंध में पाकिस्तान सरकार मामले से जुड़े सभी लोगों से एडवाइस लेगी और सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.

पाकिस्तान से अब भी समुद्री रास्तों से व्यापार हो रहा

फरवरी 2024 में भारत सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ थोड़ा व्यापार अब भी हो रहा है. ये समुद्री रास्तों से हो रही है. पड़ोसी देश ने सिर्फ जमीनी सीमा के जरिए होने वाले इंपोर्ट-एक्सपोर्ट को एकतरफा तरीके से रोका था. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा था- पहले अटारी-वाघा बॉर्डर और कराची बंदरगाह के जरिये व्यापार होता था. अब जमीनी रास्ते से कोई व्यापार नहीं हो रहा है. लेकिन कुछ व्यापार समुद्र और हवाई मार्ग से हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अन्य एशियाई देशों के जरिए भारत का सामान खरीद रहा है.

आर्टिकल 370 हटने के बाद और खराब हुए भारत-पाक संबंध

भारत की केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था. इस आर्टिकल के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था. इसे खत्म करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे. उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान थे. उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक भारत से कोई बातचीत नहीं होगी. इधर, भारत ने भी कहा था कि जब तक आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं. तब से 4 चार साल बाद तक 5 अगस्त के दिन पाकिस्तान देशभर में भारत के खिलाफ धरने-प्रदर्शन कराता है.

पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति कमजोर

पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है. देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए. 2024 में पाकिस्तान की जीडीपी महज 2.1 प्रतिशत की दर से बढऩे की संभावना है. विकास की ये दर कमजोर सरकार आने पर और नीचे जा सकती है. फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है.

आईएमएफ से कर्ज नहीं मिला तो डिफॉल्टर हो जाएगा

घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर, यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है. एक तरफ उस पर कर्ज तोडऩे का दबाव है, तो वहीं दूसरी ओर 12 अप्रैल 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से उसे 3 बिलियन डॉलर कर्ज मिलने की समय सीमा भी खत्म हो रही है. अगर कर्ज नहीं मिला तो मुल्क दिवालिया घोषित हो सकता है.

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