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पूर्वोत्तर क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि लाने के उद्देश्य से मिजोरम में रेलवे के बुनियादी ढांचे का विकास

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मिजोरम असम, त्रिपुरा एवं मणिपुर राज्यों के साथ घरेलू सीमाओं, बांग्लादेश एवं म्यांमार के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को साझा करने वाले क्षेत्र का सबसे दक्षिणी भू-आबद्ध राज्य है। केंद्र सरकार ने पिछले आठ वर्षों में मिजोरम के विकास के लिए काफी प्रयास किए हैं। पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को ब्रॉडगेज रेल लिंक से जोड़ने की केंद्र सरकार की योजना के हिस्से के रूप में पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) आइजोल (मिजोरम की राजधानी) को जोड़ने के लिए 6,527 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से भैरबी से साईरंग तक 51.38 किमी लंबी नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन परियोजना को क्रियान्वित कर रही है। इस परियोजना को ‘राष्ट्रीय महत्व की परियोजना’ का दर्जा दिया गया है। इस परियोजना में 04 नए स्टेशनों, 55 सबसे महत्वपूर्ण पुलों, 87 छोटे पुलों, 11 रोड ओवर ब्रिज, रोड अंडर ब्रिजों और 12.6 किमी सुरंग का निर्माण कार्य शामिल है।

राज्य में दो अन्य बीजी रेल लाइनों के लिए भी सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। पाथारकांदी (असम) से कन्हमुन (मिजोरम) के बीच एक 43.15 किमी लंबी रेल लिंक मौजूदा स्टेशन भैरबी के अलावा इस राज्य को एक और प्रवेश प्रदान करेगी। साईरंग से हबिचुआह (266 किमी) के बीच एक नई लाइन के लिए भी दूसरा सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है, जो म्यांमार में कलादान नदी के बंदरगाह को रणनीतिक संपर्क प्रदान करेगी।

पहले से मौजूद सिलचर-भैरबी मीटर गेज रेल प्रणाली को 27 मई, 2016 को ब्रॉड गेज में परिवर्तित कर दिया गया था। 509 करोड़ रुपये की लागत से काटाखाल- भैरबी गेज परिवर्तन का कार्य भी पूरा कर लिया गया। 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लिए रेल मंत्रालय की नीति के एक हिस्से के रूप में, मिजोरम में आने वाले सभी मार्गों को भी विद्युतीकृत किया जाएगा।

सभी नई लाइन परियोजनाओं और अवसंरचनात्मक विकास कार्यों के पूरा होने के बाद, मिजोरम को और इसके अंतर्गत कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा। भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय संपर्क को भी एक नई गति मिलेगी। राज्य की अर्थव्यवस्था को इसके समग्र विकास के लिए आवश्यक बढ़ावा मिलेगा।

इन नई लाइनों के अलावा, मिजोरम में अन्य बुनियादी ढांचे को भी बढ़ोतरी मिली है। 2018-19 के दौरान भैरबी स्टेशन पर एक फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था। 2017-19 के दौरान दो रोड अंडर ब्रिज और 2017-21 के दौरान चार रोड ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। भैरबी रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगजनों के लिए शौचालय एवं प्लेटफार्म शेड उपलब्ध कराकर रेल प्रणाली को भी यात्री अनुकूल बनाया गया है। 2019-20 के दौरान भैरबी स्टेशन पर मुफ्त हाई-स्पीड वाई-फाई सेवाएं प्रदान की गई हैं। पूसीरे के गो-ग्रीन मिशन के एक हिस्से के रूप में 2017-18 के दौरान मिजोरम के बइरबी रेलवे स्टेशन पर 100 प्रतिशत एलईडी प्रकाश की व्यवस्था की गई हैं। कोरोना महामारी के चरम के दौरान विभिन्न स्थानों से लगभग 8000 फंसे हुए लोगों को लेकर 06 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें मिजोरम पहुंचीं। 01 श्रमिक स्पेशल ट्रेन भी फंसे हुए लोगों को लेकर मिजोरम से रवाना हुई। भैरबी स्टेशन को जावक और आवक दोनों प्रकार के माल परिवहन के लिए खोला गया। 2014-22 के दौरान मिजोरम में 125 मालगाड़ियां पहुंचीं, जिनमें 110 आवश्यक वस्तुओं की थी।

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