56 Views
दुमदुमा : असम की जन मानस बिहू, मकर सक्रांति पर्व के बीच डांगरी आंचलिक छात्र संस्था ने तालाप बाली बाजार में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ,महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता का पुतला दहन किया ।
ज्ञात हो कि विगत दिनों से आसू के डांगरी छात्र संस्था डांगरी डिब्रूगढ़ रेल पथ पुनः चालू करने की मांग कर रही है । इस दौरान धारावाहिक रूप से कई बार धरना प्रदर्शन करते हुए डिब्रूगढ़ डांगरी रेल मार्ग पर आवागमन शुरू करने के लिए मांग की है। प्रायः 2 वर्षों से कई कारणों का हवाला देते हुए तथा वर्तमान परिपेक्ष में कोविड-19 के चलते तिनसुकिया से डांगरी के बीच रेल सेवा बंद कर दिया गया था । किन्तु स्थिति सामान्य होने के बावजूद तिनसुकिया से डांगरी के बीच रेल सेवा बहाल न किए स्थानीय लोगो एवं संगठनों के बीच काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि रेलवे विभाग के द्वारा इस मामले में तरजीह न दिए जाने के कारण रेल सेवा बहाल नहीं हो पाई है । ट्रेन फिर से चालू करने की मांग के साथ छात्र संघ ने रेल मंत्रालय के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल , रामेश्वर तेली एवं सांसद प्रदान बरूआ के विरूद्ध नारेबाजी की । तिनसुकिया जिला के भारत चीन सीमावर्ती ,डिब्रू- सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और और देश के सबसे लंबी नदी पुल धौला सदिया संपर्क डाॅ भूपेन हजारिका सेतु के समीप डिब्रूगढ डांगरी रेल पथ देश के प्रति रक्षा क्षेत्र में अरुणाचल के सुदूर इलाके में इसका संप्रसारण करने पर सामरिक दृष्टि से भी यह अहम भूमिका निभा सकती है।यह रेल पथ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कई जानकार मानते हैं की ड्रैगन अपने विस्तारवादी नीति से अरुणाचल के समीप अपनी सीमा के आसपास बेरोकटोक आवागमन सुदृढ़ बनाने में जुटा हुआ है। ऐसे में ऐतिहासिक डिब्रू सैखोवा रेल पथ के डिब्रूगढ़ डांगड़ी रेल मार्ग के प्रति सरकार की उदासीनता पर तिनसुकिया जिला के लोग खफा है न केवल सामरिक दृष्टि से अपितु पर्यटन के प्रचुर संभावनाओं पर सरकार की अनदेखी किया जाना कम आश्चर्य का विषय नहीं है।