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मिजोरम सीमा विवाद को जल्दी सुलझा लिया जाएगा- गृह सचिव

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शंकरी चौधुरी, हाइलाकांदी, 12 जून: सीमा सुरक्षा एवं विकास विभाग के आयुक्त सचिव जीडी त्रिपाठी ने कहा कि असम एवं मिजोरम के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। शुक्रवार को हाइलाकांदी जिले की सीमा से लगे असम-मिजोरम के गुटगुटी में रियांग पीपुल्स फोरम के साथ चर्चा के दौरान त्रिपाठी ने बताया कि भारत के सर्वे आफ इंडिया के नक्शे के माध्यम से इसका समाधान किया जाएगा। फोरम के अध्यक्ष पीताराम रियांग ने त्रिपाठी को बताया कि मिजोराम के लोगों ने असम की कम से कम चार किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है और पहले से ही एक कम्युनिटी हॉल, मत्स्य पालन का निर्माण किया है एवं अपना दावा स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में सुपारी के पेड़ लगाए हैं। रियांग ने आरोप लगाया कि मिजो बदमाशों के हमले के कारण रियांग लोग भय मनोविकार के साथ जी रहे हैं। त्रिपाठी ने सीमावर्ती गांवों के रियांग निवासियों को सूचित किया कि क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है और क्षेत्र की रक्षा करने वाले मिजो लोगों को खाली करने के लिए कहा गया है क्योंकि यह क्षेत्र असम का है। त्रिपाठी के साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश अग्रवाल, हाइलाकांदी के उपायुक्त रोहन कुमार झा, पुलिस सुपर रमनदीप कौर एवं वन अधिकारी भी उपस्थित थे।
 इधर काटलीछड़ा के विधायक सुजाम उद्दीन लस्कर ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन असम-मिजोरम सीमा विवाद को सुलझाने में पूरी तरह विफल रहा है। उन्होंने कहा कि नागरिक एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भूगोल का ज्ञान नहीं है और इस वजह से वे समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ साल पहले, मिज़ो ने कचुरथल और गल्लाचेरा इलाके की सीमा में लगभग दस किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया था और अब उन्होंने गुटगुटी क्षेत्र में असम की चार किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि सीमा का दौरा करते समय उच्च अधिकारियों द्वारा स्थानीय विधायक की अनदेखी की गई है। लस्कर ने पीएमजीएसवाई के तहत स्वीकृत सड़कों के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्र को मोटर योग्य बनाने का सुझाव दिया।

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