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मिलनसार बिमल दुग्गङ के निधन से शहर समाज में छाया शोक

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प्रे. सं. शिलचर, 22 मई: शिलचर के समाजसेवी,  व्यवसायी बिमलदु ग्गड़की  आत्मा पंचतत्व में विलीन शिलचर समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता, हंसमुख व्यक्तित्व के धनी,मिलनसार एवं जिंदादिल प्रकृति, हरवर्ग के दुख दर्द में शामिल होने वाले हमारे बिमल दा इस दुनिया में नहीं रहे। २२ मई की सुबह को यह समाचार सुनकर हर कोई स्तब्ध था, शोकाकुल था। किसी को भी अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। क्योंकि वह जब से हॉस्पिटल में भी एडमिट हुए थे, तब से लेकर २० मई की सुबह ६.२० बजे तक आप सभी के संपर्क में थे।वह अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी सभी से साझा कर रहे थे। उनको एवं उनके शुभचिंतकों को प्रबल विश्वास था कि समय लगेगा पर वह इस जंग को जीतकर जस्त्र बापस आएंगे।

दर्द एवं पीडा के समय भी आपने समता एवं धैर्य के साथ उसे सहन किया।आप सरदार शहर निवासी शिलचर प्रवासी थे। शिलचरआपका कर्मभूमि रही। भाई मुकेश दुग्गड़ से पता चला कि ३० अप्रैल को ग्रेसवैल में भर्ती कराया गया।६ मई को मेडिकल शिफ्ट किया गया|‌‌ ११ मई को कोरोना नेगेटिव भी हो गए। १५ मई शनिवार को जीवन ज्योति में भर्ती कराया गया। २२ मई की सुबह-४.५० पर वो लंग्स फेलियर के कारण जीवन की जंग हार गए। ५८ वर्ष की जीवन यात्रा को आपने बड़ी ही जिंदादिली के साथ जिया| आप तेरापंथ संघ की गौरवमयी संस्था तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष पद को भी सुशोभीत कर चुके है।

उल्लेखनीय बात यह है कि आप तेरापंथ धर्म संघ के ११ अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के बचपन के सहपाठी भी रह चुके हैं।आपकी अस्वस्थता के दौरान आपकी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु पूज्य प्रवर का मंगल संदेश भी प्राप्त हुआ था। ऐसे विशाल व्यक्तित्व को यूँ खो देना बहुत ही पीडादायक है।आपका यूँ चले जाना शिलचर समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। आप अपने पीछे पिताजी, माताजी, धर्मपत्नी, दो भाई, एक बहन, दो पुत्र पुत्रवधू एवं भरा पूरा परिवार छोड कर गए हैं। परम पिता परमेश्वर से विनम्र प्रार्थना करते हैं कि शोकाकुल परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति, धैर्य, एवं संबल प्रदान करें। आपकी आत्मा गति से प्रगति करती हुई अपनी चरम लक्ष्य को प्राप्त करें। यही मंगल कामना करते हैं प्रार्थना करते हैं। शिलचर के शांतिलाल डागा परिवार ने उनके विदेही आत्मा को हार्दिक श्रद्धांजलि समर्पित की। |

मिलनसार एवं समाज के कार्यों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साठ वर्षीय बिमल दुग्गङ के निधन से शिलचर, समाज में शोक छा गया. जेजे होस्पिटल में जीवन से संघर्ष
करते हुए शनिवार को भोर में अंतिम सांस लिया.

समाजसेवी बिजय चंद्र दुग्गङ के पुत्र के निधन से संगठनों के पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. वृद्ध माता पिता सहित भरापुरा परिवार छोड़ कर गए. अंतिम संस्कार  साधारण रूप से सरकारी नियमानुसार किया गया.

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