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बराक घाटी में भाजपा हिंदीभाषियों की उपेक्षा नही कर रही है, एक जाति के लोग है जो भाजपा के सत्ता में आने के बाद अपनी शातिर दिमाग को काम में लगाकर भाजपा, विश्वहिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हर एक क्षेत्र में अपने लोगों को जोड़ कर काम कर रहे हैं, शीर्ष नेता भी उन्हीं की बात मानते हैं उनको तो सिर्फ वोट की जरूरत है, जो हमारे बराकभैली के भोला भाला हिन्दी भाषी लोग बिना कोई शर्त के अपना वोट बीजेपी को दे देते हैं। इसलिए शीर्ष नेता को लगता है, सबकुछ ठीक से चल रहा है। हमारे समाज में समस्या यह है कि हम में एकता नहीं है, हम आज भी जाति-वर्ण और धर्म के नम पर बंटे हुए हैं, स्वार्थी हो गए हैं। अपने समाज और आनेवाली पीढ़ियों की चिंता करना हमने छोड़ दिया। बस इसी का फायदा ये लोग ले रहे हैं।
ये लोग बराकभैली में भाजपा को अपना बपौती समझते हैं। हम सीधे साधे लोग कुछ बोलते नहीं, और इसका ये फायदा उठाते हैं। बांग्लादेश को इन्होंने ही मुसलमानों को अधिकार करने का रास्ता दिया। पश्चिमबंगाल में भी इन्हीं का राज था, वहाँ पर भी आज मुसलमानों ने कब्जा कर लिया हमारे बराकभैली को भी इसी तरह डुबाना चाहते हैं। इसलिए हिंदीभाषयों को जागना जरूरी है।
घनश्याम कोइरी इचाबिल चाय बागान, करीमगंज