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त्रेता युग में जन्म लिए थे,
एक महान अवतार,
ऊंच नीच और जात पात को,
किए थे तार तार।
खाकर जूठे बेर सबरी के,
दुनिया वालों को बतलाया,
ना कोई ऊंचा न कोई नीचा,
ब्रह्मा ने सबको एक बनाया।
गुणगान करना उनकी महिमा का,
होगा सूर्य को दीप दिखाना,
कोई और नहीं थे वे महापुरुष
वे थे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम।
आदर्शवाद का पाठ सिखाया,
उस युग में लोगों को,
जब समाज में रूढ़िवादी परंपराएं,
फैली हुई थी महामारी बनकर।
उस युग में स्वयं परम परमात्मा ने,
नवीन विचारधारा की ज्योत से,
प्रयास किया था दूर करने का,
अज्ञानता के तिमिर को ।
कोई और नहीं थे ये महापुरुष,
यह थे स्वयं परमपिता परमात्मा,
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम,
जिनकी महिमा है अपरंपार।
इंतजार है हम भारतवासियों को,
बेसब्री से उनके आगमन का,
22 जनवरी 2024 को,
हमारी पावन अयोध्या नगरी में
जहां जन्म लिए थे परमपिता परमात्मा,
उस महान त्रेता युग में।
होगा उस दिन विशाल उत्सव
मनाएंगे हम दीपावली,
घर-घर दीप जलाकर,
पावन होगी हमारी धरती,
गली गली में गूंजेगा,
राम जी का नाम।
बच्चे बूढ़े सभी कहेंगे,
जय श्री राम जय श्री राम
जय हनुमान जय हनुमान
स्वचित रचना : –
श्रीमती रजनी शर्मा ( शिक्षिका )
झालुकपाडा, डिब्रूगढ़ ( असम )