रायपुर. अब निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस वसूल नहीं कर सकेंगे. उन्हें स्कूलों के बाहर 4&8 फीट का बोर्ड लगाकर फीस की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी. इसके अलावा वेबसाइट पर भी जानकारी अपलोड करनी होगी. इसे लेकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आदेश जारी कर दिया है. आयोग ने सख्त रवैया अपनाते हुए सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि निजी स्कूलों की फीस की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए.
गौरतलब है कि प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस को लेकर कई तरीके की शिकायत हर साल आती है. किसी न किसी बहाने से कई निजी स्कूल के संचालक मनमानी फीस लागू कर देते हैं. इससे विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है. अब जारी आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ अशासकीय फीस विनियमन और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार फीस तय होगी. उसी के मुताबिक स्कूल अपनी फीस बढ़ा सकते हैं.
20 जून तक मांगी गई है जानकारी
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्राइवेट स्कूलों को 20 जून तक फीस की सूची मांगी है. इसमें यह भी कहा गया है कि तय मानक के अनुसार ही फीस की बढ़ोतरी करनी होगी. तय की गई कक्षावार फीस में प्रबंधन द्वारा मनमाने तरीके से छूट देने और अन्य नाम से फीस लेने का अधिकार नहीं होगा. प्रवेश या बच्चों के शाला ट्रांसफर करने की प्रक्रिया में भी पालकों से मनमानी फीस वसूली न की जाए.