हिंदीभाषी छात्रों की मातृभाषा बांग्ला लिखे जाने का मंच ने किया जोरदार प्रतिवाद

हिंदीभाषी संगठनों ने शिलचर में किया हिंदी माह का शुभारंभ

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हिंदी माह के शुभारंभ के अवसर पर घुंघुर, शिलचर में आयोजित हिंदीभाषी संगठनों की एक सभा में कालाइन शिक्षा खंड के प्राथमिक विद्यालयों में हिंदीभाषी छात्रों की मातृभाषा बांग्ला लिखे जाने का जोरदार प्रतिवाद किया गया और इस विषय को मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, जिलाधिकारी और उच्च पदाधिकारियों तक शिकायत करने का निर्णय लिया गया। प्राप्त विवरण के अनुसार कालाइन शिक्षा खंड के दीगाबर चाय बागान के प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को जो एडमिशन फॉर्म दिया जा रहा है, उसमें मातृभाषा के स्थान पर पहले से ही बांगला छपा हुआ है। किसी की भी मातृभाषा बदलना मौलिक अधिकारों का हनन है, संविधान का उल्लंघन है। वक्ताओं ने इस बात पर गहरा आश्चर्य व्यक्त किया कि शिक्षा अधिकारियों की नाक के नीचे हिंदीभाषियों की मातृभाषा बदलने का खुलेआम षड्यंत्र किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि हिंदीभाषी संगठन पहले से ही आरोप लगा रहे हैं कि जनगणना में उनकी मातृभाषा बदल दी जाती है। इसलिए बराक घाटी के सरकारी आंकड़े में हिंदीभाषियों की जनसंख्या कम दिखाई जाती है।


पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जवाहरलाल राय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में आगामी 19 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया। हिंदी माह के बारे में जानकारी देते हुए हिंदीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार ने बताया कि पिछले 24 वर्षों से शिलचर में हिंदीभाषी संगठनों द्वारा सितंबर महीने में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कोई हिंदी माह, कोई पखवाड़ा, कोई सप्ताह और कोई हिंदी दिवस मनाता है। इस अवसर पर कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

एनआईटी के शोध छात्र रोहित प्रताप सिंह ने बताया कि किसी भी भाषा के उत्थान के लिए शिक्षा जरूरी है। उनके यहां तिनसुकिया में इसके लिए हिंदी माध्यम के विद्यालय खोले गए तथा प्रयास करके उनका प्रादेशिकी करण भी कराया गया।
सभाध्यक्ष जवाहरलाल राय ने अपने वक्तव्य में कहा कि इतने दिनों से हिंदी समारोह आयोजित किए जा रहे हैं लेकिन अपेक्षा के अनुरूप समाज में जागरण नहीं हो रहा है। लोगों में अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव नहीं है, अपनी भाषा के प्रति आत्मीयता का अभाव है।

सभा में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में बराक चाय जन जागृति मंच के अध्यक्ष राजेंद्र पांडेय, उपाध्यक्ष सुभाष चौहान, हिंदीभाषी समन्वय मंच के उपाध्यक्ष गणेश लाल छत्री, कोषाध्यक्ष रामनारायण नुनिया, हिंदीभाषी युवा मंच के वरिष्ठ कार्यकर्ता शिवकुमार, संजीव नुनिया तथा रितेश नुनिया आदि शामिल थे।

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