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एसोसिएशन फार डेमोक्रटिक रिफॉर्म के तथ्य को माने तो हाल ही में संपन्न हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में चुने गए १९९ विधायकों में से १६९ विधायक करोड़पति हैँ | यह तथ्य क्या यह संकेत दे रही हैं की राजनीति अब मात्र संपन्न लोग ही करेंगे | विधानसभाओं में संपन्न लोग बैठेंगे, ऐसे में आम लोगो की दुख, दर्द को किस हद तक यह संपन्न लोग उठा पाऐंगे। ऐसे में आमलोगों की दुख, दर्द का निवारण कहा तक हो पाएगा| जाहिर है एक बड़े तबके का प्रतिनिधित्व नही होने के कारण यह तबका वंचित रह जाएगा। ऐसे मे यह सवाल करना क्या उचित होगा की सब का साथ सबका विकास कैसे होगा? जिस तबके का प्रतिनिधित्व नहीं होगा उनकी आवाज कौन उठाएगा | आज के दौर में भी सरकार द्वारा उठाए गए सभी प्रयास के बाद भी गांव देहात में गरीब लोग बिन इलाज दम तोड़ रहे हैं, नही तो इलाज कराने की चक्कर में घर-जमीन बेचने को मजबूर है | आखिर क्यों सरकार द्वारा उठाए गए इतने कदमों लाखों करोड़ो के खर्च के बाद भी गरीब का पूरा इलाज नही हो पाता और कुछ बिन इलाज ही मरने को मजबूर है | प्रजातंत्र की सफलता के लिए सभी वर्गो की भागीदारी जरुरी हैं लेकिन, हालही में संपन्न हूई राजस्थान विधानसभा में चुने गए करोड़पति विधायकों की संख्या कुछ और ही कह रही हैं|
पूर्णिमा चौहान शिलचर