फॉलो करें

कांग्रेस के लिए एक नई मुसीबत बने कांग्रेस के सलाहकार सैम पित्रोदा >अशोक भाटिया

17 Views

प्रधानमंत्री मोदी इस चुनावी रण में रोजाना कांग्रेस की कोई न कोई गलती पकड़ कर अपने शब्दों के बाण से कांग्रेस पर हमला कर देते है पर कांग्रेस है कि उन्हें कोई न कोई मौका देती रहती है । सैम पित्रोदा वो नाम है, जो अक्सर ही अपने बयानों से कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं। पित्रोदा ने इस बार ‘इन्हेरिटेंस टैक्स’ यानी विरासत टैक्स की वकालत कर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने विरासत टैक्स के बारे में बात करते हुए इसे बेहद ही रोचक कानून बताया है। 13 राज्यों में 89 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान होना है और ऐसे वक्त में वोटिंग से ठीक पहले इस तरह के बयान को भाजपा  की तरफ से लपक लिया गया है। प्रधानमंत्री  मोदी से लेकर अमित शाह तक इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं।

पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा  कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। पार्टी का कहना है कि अगर कांग्रेस इस टैक्स सिस्टम को लाती है तो ये व्यापारियों के लिए ठीक नहीं होगा। अमेरिका के विरासत कानून का जिक्र करते हुए पित्रोदा ने कहा कि भारत में भी इस तरह की नीति पर चर्चा करनी चाहिए. इस बयान का कांग्रेस के प्रवक्ता व उत्तर पश्चिम दिल्ली से कांग्रेस उदित राज ने भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा का सुझाव अच्छा है. मैं कांग्रेस का प्रवक्ता हूं. मेरा बयान कांग्रेस का बयान माना जाएगा.

विरासत टैक्स को समझाते हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और वह मर जाता है। ऐसी स्थिति में 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को मिलती है, जबकि 55 फीसदी जनता के लिए सरकार के पास चली जाती है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। यहां किसी के मरने पर उसकी पूरी संपत्ति बच्चों को मिल जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर सैम पित्रोदा कौन हैं और उनका अमेरिका से क्या कनेक्शन है।

भारत में संचार क्रांति का जनक भले ही राजीव गांधी और उनके सिपहसलार सैम पित्रोदा को माना जाता है। राजीव गांधी के दिमाग में भारत को सूचना प्रोद्योगिकी, इंटरनेट की दुनिया से जोड़ने का जुनून सवार था। राजीव गांधी ने देश में कंप्यूटर और संचार साधनों की नींव रखी। पित्रोदा कांग्रेस पार्टी की विदेशी शाखा, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस को लीड करते हैं। भारत के साथ/भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए प्रवासी भारतीयों को प्रोत्साहित करने, संलग्न करने, संगठित करने और सशक्त बनाने के लिए इसका गठन किया गया। सैम पित्रोदा की निजी वेबसाइट उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित दूरसंचार उद्यमी, निवेशक, विकास विचारक और नीति निर्माता  के रूप में वर्णित किया है।  वेबसाइट के मुताबिक, उन्होंने आईटी सेक्टर में 50 साल बिताए हैं। पित्रोदा ने तीन प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम किया है।

राजीव गांधी के नेतृत्व में पित्रोदा छह प्रौद्योगिकी मिशन (दूरसंचार, जल, साक्षरता, टीकाकरण, डेयरी उत्पादन और तेल बीज) का नेतृत्व किया। वर्तमान में वो राजीव के बेटे और इंदिरा के पोते पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के साथ मिलकर काम करते हैं। 81 वर्षीय पित्रोदा पांच गैर सरकारी संगठनों के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं, जिनमें इंडिया फूड बैंक, ग्लोबल नॉलेज इनिशिएटिव और इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसडिसिप्लिनरी हेल्थ शामिल हैं। अपनी पत्नी के साथ शिकागो के निवासी, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में कई कंपनियां भी शुरू कीं।

साल 2019 में लोकसभा चुनाव के बीच सैम पित्रोदा का 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर दिया एक बयान पार्टी के लिए मुसीबत बन गई थी। एएनआई को दिए एक बयान में पित्रोदा ने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता, यह भी एक और झूठ है। 1984 की बारे में अब क्या? आपने पिछले 5 साल में क्या किया। 84 में हुआ तो हुआ। आपने क्या किया’?

सैम पित्रोदा का जन्म 1942 में ओडिशा के तितिलागढ़ में हुआ। उनका पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। कांग्रेस नेता का परिवार गुजरात से आता है। यही वजह है कि उन्हें पढ़ने के लिए गुजरात के एक बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया गया था। यहां से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वड़ोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्रेजुएशन किया। परिवार ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए 60 के दशक में अमेरिका भेज दिया, जहां से उन्होंने मास्टर्स किया।

अमेरिका के इलिनोइस राज्य के शिकागो शहर में ‘इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ मौजूद है, जहां से 1964 में सैम पित्रोदा ने फिजिक्स में मास्टर्स किया। पित्रोदा को गांधी परिवार के करीबी लोगों में से एक माना जाता है। वर्तमान में वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। पित्रोदा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, वह शिकागो में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। कांग्रेस नेता अपने बयानों की वजह से हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं।

सैम पित्रोदा ने अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद 1965 में टेलीकॉम इंडस्ट्री में हाथ आजमाया। अपने पहले पेटेंट के तौर पर 1975 में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया। गांधीवादी विचारधारा को मानने वाले परिवार से आने वाले पित्रोदा की कांग्रेस से भी काफी नजदीकियां रहीं। अमेरिका में रहने के दौरान पित्रोदा को वहां की नागरिकता भी मिल गई थी। हालांकि, फिर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर वह अमेरिका से भारत लौट आए।

भारत आने पर सैम पित्रोदा अमेरिकी नागरिकता त्याग कर एक बार फिर से भारतीय बन गए। 1984 में उन्होंने ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स’ नाम की टेलीकॉम संस्था की शुरुआत की। हालांकि, उसी साल इंदिरा की हत्या हो गई और राजीव गांधी प्रधानमंत्री  बने। राजीव ने पित्रोदा को अपना सलाहकार बनाया। भारत में इंफोर्मेशन इंडस्ट्री में बदलाव के लिए दोनों मिलकर काम किया। राजीव ने उन्हें टेलीकॉम, वाटर, शिक्षा जैसे छह टेक्नोलॉजी मिशन का हेड बनाया था।

हालांकि, राजीव गांधी की हत्या और कई वर्षों तक भारत में काम करने के बाद सैम पित्रोदा एक बार फिर से अमेरिका लौट गए। 1990 में वह फिर से अमेरिका चले गए। उन्होंने एक बार फिर से शिकागो से अपने काम की शुरुआत की और कई कंपनियों को लॉन्च किया। 1995 में सैम पित्रोदा को इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन WorldTel इनिशिएटिव का पहना चेयरमैन बनाया गया। हालांकि, लगभग डेढ़ दशक बाद फिर से उनकी भारत वापसी हुई।

गौरतलब है कि  2004 के चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए सरकार का गठन किया गया। मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री  मनमोहन ने सैम पित्रोदा को फिर से भारत आने का न्योता दिया और इस तरह उनकी वतन वापसी हुई। भारत आने पर मनमोहन सिंह ने उन्हें नेशनल नॉलेज कमीशन का अध्यक्ष बनाया। वह इस पद पर 2005 से 2009 तक बने रहे।

वहीं, जब 2009 में जब यूपीए सरकार की फिर से वापसी हुई, तो इस बार सैम पित्रोदा को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सलाहकार बनाया गया। इस तरह उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिल गया। पित्रोदा की वेबसाइट के मुताबिक, उनके पास लगभग 20 मानद पीएचडी और लगभग 100 विश्वव्यापी पेटेंट हैं। उन्होंने पांच किताबें और कई पेपर प्रकाशित किए हैं।

भाजपा द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के इनहेरिटेंस टैक्स वाले बयान से खुद को अलग कर लिया और इसे उनका निजी विचार बता रही है . जो आदमी इतने समय से लेकर कांग्रेस के हर बड़े नेता के साथ जुड़ा रहा हो उसके ये विचार निजी कैसे हो सकते है ।

 

 

अशोक भाटिया,

वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक  एवं टिप्पणीकार

वसई पूर्व  – 401208 ( मुंबई )

फोन/  wats app  9221232130    E mail – vasairoad . yatrisangh@gmail.com

कृपया अपना वाट्स एप्प  न . लिख कर भेजें ,  छपने पर अख़बार की JPG FILE OR PDF FILE  वाट्स एप्प 

नम्बर . 9221232130 पर   भेजने की कृपा करें 


स्वतंत्र पत्रकार – अशोक भाटिया , वसई पूर्व (मुंबई – महाराष्ट )

ASHOK BHATIA
FREE LANCE JOURNALIST
A / 001 , VENTURE APARTMENT ,NEAR REGAL, SEC 6, LINK ROAD , VASANT NAGARI ,

VASAI EAST -401208

( MUMBAI –  MAHARASHTRA )

MOB. 09221232130

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल